सोनभद्र l राष्ट्रीय वायरल हिपेटाइटिस नियन्त्रण कार्यक्रम वर्कशाप का आयोजन आज दिनांक 30 जुलाई, 2024 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार, सोनभद्र में किया गया।
कार्यक्रम के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि हेपेटाइटिस बी लीवर का संक्रमण है। यह एक वायरस के कारण होता है। एक टीका है जो इससे बचाता है। कुछ लोगों के लिए, हेपेटाइटिस बी हल्का होता है और थोड़े समय तक रहता है। इन “गंभीर” मामलों में हमेशा उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यह क्रोनिक हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह अंग पर घाव, लीवर की विफलता और कैंसर का कारण बन सकता है, और यह जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, सोनभद्र के प्रधानाचार्य डा. सुरेश सिंह ने बताया कि यदि आपमें हेपेटाइटिस बी के लक्षण हैं और लीवर एंजाइम का स्तर उच्च है, तो आपका परीक्षण किया जाएगा। यदि आपकी बीमारी पुरानी हो जाती है, तो डॉक्टर आपके लीवर से ऊतक का नमूना ले सकता है, जिसे बायोप्सी कहा जाता है। इससे उन्हें पता चल जाएगा कि आपका मामला कितना गंभीर है। लिवर को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जांच के लिए आप लिवर का अल्ट्रासाउंड भी करा सकते हैं।
जनपदीय नोडल अधिकारी डा. गिरधारी लाल ने बताया कि “हेपेटाइटिस” का अर्थ है यकृत की सूजन। हेपेटाइटिस के अन्य प्रकार भी हैं। वायरस के कारण होने वाले रोगों में हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस सी भी शामिल हैं। हेपेटाइटिस संक्रमण होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते है-
हल्के रंग का मल, बुखार, थकान जो हफ्तों या महीनों तक बनी रहती है, पेट की परेशानी जैसे भूख न लगना, मतली और उल्टी, पेट दर्द, जोड़ों का दर्द।
वायरस की चपेट में आने के 1 से 6 महीने बाद तक लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं। आपको शायद कुछ भी महसूस न हो। जिन लोगों को यह बीमारी है उनमें से लगभग एक तिहाई को यह बीमारी नहीं है। खून की जांच से ही पता चलता है। डा. एस०एस० पाण्डेय ने बताया कि हेपेटाइटिस बी एवं सी वायरस के कारण होती है, यह बीमारी असुरक्षित यौन सम्बन्ध, टैटू बनवाने, संक्रमित सिरिंज का प्रयोग करने से होता है। हेपेटाइटिस बी एवं सी का जाँच एवं ईलाज जिला संयुक्त चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध है।
राष्ट्रीय वायरल हिपेटाइटिस नियन्त्रण कार्यक्रम कार्यशाला में डा. गिरधारी लाल, नोडल राष्ट्रीय वायरल हिपेटाइटिस नियन्त्रण कार्यक्रम डा. एस०एस० पाण्डेय, प्रभारी चिकित्साधिकारी, ब्लड बैंक, रासगंज, दुद्धी तथा प्रबंधक, ब्लड बैंक साँई हॉस्टिपटल, राबर्ट्सगंज, नोडल अधिकारी / कर्मचारी, ट्रीटमेन्ट सेन्टर, राष्ट्रीय वायरल हिपेटाइटिस नियन्त्रण कार्यक्रम एवं कार्यक्रम अधिकारी, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम तथा समस्त ब्लाक के प्रभारी अधीक्षक उपस्थित थे।