मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वर्ष 2018 से लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार के प्रयासों से लगभग हर मोर्चे पर टैक्स में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने के लिए सामाजिक सेवाओं पर सबसे ज्यादा खर्च किया गया है। नियंत्रक एवं महालेखा निरीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक विकास के मानकों पर यूपी की स्थिति सुदृढ़ हुई है। पूंजीगत व्यय पर सरकार का ज्यादा फोकस है। इस मद में होने वाला खर्च विकास का मानक माना जाता है।
राजस्व प्राप्तियां
राज्य की राजस्व प्राप्तियों में 12.46 प्रतिशत की वृद्धि।
राज्य की स्वयं की कर प्राप्तियों में 18.13 प्रतिशत की वृद्धि।
गैर-कर प्राप्तियों में 17.96 प्रतिशत की वृद्धि।
केंद्रीय करों और शुल्कों में राज्य के अंश में 5.85 प्रतिशत वृद्धि।
भारत सरकार द्वारा सहायता अनुदान में 15.56 प्रतिशत की वृद्धि।
राजस्व व्यय
राजस्व व्यय में 12.56 प्रतिशत की वृद्धि।
सामान्य सेवाओं पर राजस्व व्यय में 8.36 प्रतिशत की वृद्धि।
सामाजिक सेवाओं पर राजस्व व्यय में 14.83 प्रतिशत की वृद्धि।
आर्थिक सेवाओं पर राजस्व व्यय में 17.71 प्रतिशत की वृद्धि।
सहायता अनुदान पर व्यय में 9.09 प्रतिशत की वृद्धि।
पूंजीगत प्राप्तियां
ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में 11.75 प्रतिशत की कमी।
गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में 42.35 प्रतिशत की वृद्धि।
पूंजीगत व्यय
पूंजीगत व्यय में 30.21 प्रतिशत की वृद्धि।
सामान्य सेवाओं पर 88.76 प्रतिशत की वृद्धि।
सामाजिक सेवाओं पर 88.75 प्रतिशत की वृद्धि।
आर्थिक सेवाओं पर 5.96 प्रतिशत की वृद्धि।
लोन और एडवांस
ऋणों और अग्रिमों में 532.76 प्रतिशत की वृद्धि।
ऋण और अग्रिमों की वसूली में 42.35 प्रतिशत वृद्धि।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद में यूपी की बड़ी छलांग
राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में उत्तर प्रदेश ने लगातार तरक्की की है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 की तुलना में 2022-23 के प्रति व्यक्ति राज्य सकल घरेलू उत्पाद में 26 हजार रुपये से ज्यादा की वृद्धि हुई है। कोविड काल के दौरान भी यूपी की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी में वृद्धि दर्ज की गई।
वर्ष 2018-19 | वर्ष 2019-20 | वर्ष 2020-21 | वर्ष 2021-22 | वर्ष 2022-23 |
70565 | 74679 | 71184 | 84139 | 96193 रुपये |