सावन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 7 अगस्त को रात 10.05 मिनट से शुरू हो जाएगी.इसका समापन 8 अगस्त 2024 की प्रात: 12.36 मिनट पर होगा. इस दिन गणपति जी की पूजा सुबह 11.07 से दोपहर 01.46 के बीच किया जाएगा.
सावन विनायक चतुर्थी पर शिव और रवि योग का संयोग बन रहा है. इससे इस दिन का महत्व दोगुना हो गया है. विनायक चतुर्थी पर गणेश जी सिंदूर अर्पित करें और उनके चरणों का सिंदूर स्वंय भी लगाएं. मान्यता है कि इससे सारे बिगड़े कार्य बन जाते हैं.
नौकरी और व्यापार में उन्नति चाहते हैं तो सावन विनायक चतुर्थी पर 21 दूर्वा की गांठ में इत्र लगाकर गणपति जी को अर्पित करें और श्री संकष्टनाशन स्तोत्रम् का पाठ करें. मान्यता है इससे तरक्की में आ रही बाधा समाप्त होती है.
सावन विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की आराधना से राहु-केतु की पीड़ा से मुक्ति मिलती है, बप्पा को लड्डू का भोग लगाएं. फिर इसे जरुरतमंदों में बांट दें. इससे बच्चों का बल, बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है.
जिन लोगों के विवाह में अड़चने आ रही हैं वो सावन विनायक चतुर्थी पर गणेश जी को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और केले का भोग लगाएं. अगली विनायक चतुर्थी तक रोजाना गणेश चालीसा का पाठ करें. इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
सावन विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश को लाल गुड़हल का फूल उनके सिर पर चढ़ाएं और सूखने पर उसे पर्स में रख लें. कहते हैं इससे धन की कभी कमी नहीं होती.
Published at : 07 Aug 2024 08:46 PM (IST)
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