बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा
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संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम अगले सप्ताह बांग्लादेश का दौरा करेगी। यहां पर टीम प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और बाद में हुई प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच करेगी। टीम के बांग्लादेश दौरे की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। एक अधिकारी ने बताया कि 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद यूएन की टीम पहली बार मानवाधिकारों के हनन की जांच करने के लिए पहुंचेगी।
शेख हसीना की सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद आठ अगस्त को मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। मुख्य सलाहकार ने एक्स पर पोस्ट में कहा, बांग्लादेश में जुलाई और इस महीने की शुरुआत में हुई छात्र क्रांति के दौरान हुए अत्याचारों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र अगले सप्ताह एक जांच टीम भेज रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने बुधवार देर रात मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को फोन करके इस कदम की घोषणा की, जिसका हैंडल मुहम्मद यूनुस के कार्यालय द्वारा चलाया जाता है।
इस बीच, वोल्कर तुर्क ने अपने समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि एक समावेशी, मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि परिवर्तन सफल हो। वोल्कर के पोस्ट में यूनुस ने कहा, मानव अधिकार उनके प्रशासन की आधारशिला होंगे और प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है। मुख्य सलाहकार ने बांग्लादेश के छात्रों की क्रांति का समर्थन करने और छात्र प्रदर्शनकारियों की अभूतपूर्व और विनाशकारी हत्याओं के दौरान उनके अधिकारों की वकालत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को धन्यवाद दिया।
बता दें कि बुधवार को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जांच एजेंसी में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शेख हसीना और आठ अन्य के खिलाफ छात्रों के जन आंदोलन के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया। इससे पहले, जुलाई के मध्य से सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 500 से अधिक लोग मारे गए थे।