I would like to hear from @moefcc and @ForestDeptWB
now on the horrific harassment, torture and killing of an #elephant in #Jhargam #WestBengal… pic.twitter.com/KTTzAdStrG— prerna singh bindra 🐘🐅🐾 (@prernabindra) August 17, 2024
कौन हैं हुल्ला?
हुल्ला टीम को खेत से हाथियों को भगाने का काम सौंपा जाता है। पश्चिम बंगाल में कई हुल्ला टीम हैं। इनके द्वारा नुकीली छड़ों का उपयोग करने और आग के गोले फेंकने की प्रथा को बिंद्रा और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।
ठीक से चल भी नहीं पा रहा था
वन विभाग ने धरमपुर फुटबॉल मैदान में झुंड के एक हाथी पर कई बार दवाई छिड़की। बाद में अधिकारियों ने उसे मुक्त कर दिया, लेकिन वह ठीक से चल नहीं पा रहा था। अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि यह वही हाथी था, जिसने दिन में बुजुर्ग व्यक्ति को मारा था।
आठ घंटे बाद ले गए इलाज के लिए
पशु प्रेमी प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने बताया कि हुल्ला टीम ने हमला की गई मादा हाथियों में से एक के शरीर में आग लगी लोहे की छड़ चिपकी हुई थी, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई। आठ घंटे से अधिक की देरी के बाद देर रात वन विभाग हाथी को इलाज के लिए ले गया। हालांकि, वन अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। मगर, पशु प्रेमी ने दावा किया कि मादा हाथी ने शनिवार सुबह चोटों के कारण दम तोड़ दिया।
सिंह ने अपनी पोस्ट में बताया कि इस दौरान एक अन्य हाथी गंभीर रूप से घायल हुआ। वह खड़ा होने में असमर्थ था, उसे बुलडोजर की मदद से जंगल में धकेला जा रहा था।