बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा (फाइल)
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बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने सिलहट से हिरासत में लिया। वह में भारत के साथ लगती पूर्वोत्तर सीमा से कथित तौर पर भागने की कोशिश कर रहे थे। यह रिपोर्ट अवामी लीग नेता एएसएम फिरोज की उनके आवास से गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद आई।
बीजीबी मुख्यालय ने शुक्रवार देर रात एसएमएस के माध्यम से संवाददाताओं को सूचना दी। कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व शीर्ष अपीलीय डिवीजन न्यायाधीश शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को हिरासत में ले लिया है, क्योंकि वह सिलहट की कनाईघाट सीमा के माध्यम से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। कहा कि माणिक को आधी रात तक बीजीबी चौकी पर रखा गया।
बांग्लादेश हिंसा के दौरान पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना ने पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक और हसीना के निजी क्षेत्र के मामलों के सलाहकार सलमान एफ रहमान को गिरफ्तार किया था, उनकी गिरफ्तारी ढाका के मुख्य नदी बंदरगाह सदरघाट टर्मिनल क्षेत्र से की गई, क्योंकि ये ढारा थोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
इनके अलावा, हसीना के मंत्रिमंडल के कई सदस्यों सहित सैन्य और नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई। इनमें पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद, पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री दीपू मोनी, अवामी लीग और उसके सहयोगियों के कई सांसद-नेता, वामपंथी वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशेद खान मेनन और हाल ही में बर्खास्त किए गए कई सदस्य शामिल हैं। बर्खास्त मेजर जनरल जियाउल हसन, चटगांव पोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष रियर एडमिरल मोहम्मद सोहेल को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, एक टीवी पत्रकार दंपती फरजाना रूपा और उनके पति शकील अहमद की भी गिरफ्तारी की गई है।