बेंजामिन नेतन्याहू
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि वह किसी भी संघर्ष विराम समझौते के हिस्से के रूप में मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर इजरायल की उपस्थिति बनाए रखने पर जोर देते रहेंगे।
फिलाडेल्फी गलियारे में बने रहने की नेतन्याहू की मांग हमास के साथ संघर्ष विराम वार्ता के दौरान अब तक एक बड़ी बाधा रही है। बंधकों को मुक्त करने के समझौते में भी हमास की हमेशा से मांग रही है कि पहले इस्राइल पूरी तरह से गाजा से वापसी करे।
नेतन्याहू ने कहा कि अगर इस्राइल अस्थायी रूप से भी पीछे हटने पर सहमत हो जाता है, तो बाद में अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे कभी वापस लौटने की इजाजत नहीं देगा। नेतन्याहू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह हमारा संपूर्ण भविष्य निर्धारित करता है। गाजा हमास की ऑक्सीजन की तरह है।”
बंधकों रिहाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे इस्राइली
इस्राइल-हमास संघर्ष को अब एक साल होने वाला है, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है। इस बीच युद्धविराम समझौते और हमास द्वारा बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए इस्राइली सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पोस्टरों में ‘अभी-अभी’ के नारे भी लगाए और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्धविराम की मांग करने लगे। रविवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की भी सूचना मिली थी।
तेल अवीव में कई प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने पश्चिमी यरुशलम में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया। बंधक और लापता परिवार फोरम ने कहा कि छह बंधकों की मौत नेतन्याहू की युद्ध रोकने और बंधनों की घर वापसी के समझौते में विफलता का स्पष्ट परिणाम है। उन्होंने कहा, उन सभी को 11 महीने तक यातना, दुर्व्यवहार और भुखमरी झेलने के बाद हाल ही में मार दिया गया।
हमास आतंकियों द्वारा छह बंधकों की हत्या के बाद नेतन्याहू पर समझौते करने को लेकर भारी दबाव है।