कानपुर में गुजैनी पुल से करीब 30 फीट की ऊंचाई से ट्रक के रेलवे ट्रैक पर गिरते ही तेज धमाका हुआ। पटरियों के किनारे फैली गिट्टियों से धूल का गुबार बन गया। इससे लोगों में दहशत फैल गई। हादसा स्थल से 300 मीटर की दूरी पर 16 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी।
क्षेत्र के रहने वाले ऑटो चालक सुशील ने बताया कि ट्रक के गिरने से तेज आवाज आई थी, जबकि ओएचई से टकराने के बाद चिंगारी भी निकली थी। ओएचई का तार नीचे लटक गया था, जिसकी वजह से करंट लगने की आशंका से पास जाने की किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई। कुछ लोग दूर से जरूर वीडियो बना रहे थे। पुलिस ने उन्हें खदेड़कर किनारे किया। घटनास्थल पर घना अंधेरा होने से शुरूआत में बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आई।
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मोबाइल की रोशनी से ओएचई लाइन और ट्रैक को देखा गया। करीब एक घंटे बाद सर्च लाइट और ड्रैगन लाइन मंगवाकर पूरा ट्रैक देखा गया।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह, एसीपी पनकी श्वेता कुमारी ने मौका मुआयना किया। लोगों से ट्रैक और ओएचई लाइन से दूर रहने का निर्देश दिया। डीसीपी पश्चिम ने पनकी चौकी इंचार्ज को रेलवे की तकनीकी टीम से कार्य की स्थिति और अन्य जानकारी लेने के लिए निर्देशित किया। पुलिस और आरपीएफ ने काफी दूर तक ट्रैक का निरीक्षण भी किया।
झांसी मंडल के रेलवे अधिकारियों ने ली जानकारी
हादसे के बाद झांसी मंडल के अधिकारियों ने ट्रैक और बिजली के इंजीनियरों से घटना के संबंध में जानकारी जुटाई। रेलवे के विशेषज्ञ ट्रक के गिरने से डाउन लाइन पर भी असर होने का अनदेशा जता रहे थे, जिसकी वजह से ट्रैक का निरीक्षण कराया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर आरओबी से ट्रक के नीचे गिरने से ओएचई लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, जिसकी वजह से अपलाइन पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। डाउन लाइन से ट्रेनों को रवाना किया जा रहा है। घाटमपुर, उरई और पुखरायां के टावरवैगन की मदद से लाइन की मरम्मत कार्य जारी है। ट्रैक जल्द से जल्द बहाल हो जाएगा। – मनोज कुमार सिंह, रेलवे पीआरओ, झांसी मंडल