Israel Attack on Lebanon: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उन्होंने इजरायल की सेना को ‘पूरी ताकत’ से लड़ाई जारी रखने का निर्देश दिया है. उनके दफ्तर ने सीजफायर को लेकर कहा है कि अब तक प्रधानमंत्री ने इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया है.
नेतन्याहू ने कहा, “उत्तर में लड़ाई को कम करने का निर्देश देने की खबर भी सच के विपरीत है.” इजरायली पीएम ने कहा कि गाजा में तब तक जंग जारी रहेगी जब तक इजरायल अपने तय मकसद में कामयाब नहीं हो जाता है.
BREAKING | इजरायल-हिजबुल्लाह युद्द पर बड़ी खबर
– किसी भी वक्त लेबनान पर अटैक करेगा इजरायल
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— ABP News (@ABPNews) September 26, 2024
लेबनान में कहां और क्यों हमले कर रहा इजरायल?
इजरायल मानता है कि लेबनान के दक्षिण और बेका घाटी में हिजबुल्लाह के प्रभाव सबसे ज्यादा है. हमलों से पहले, इजरायली सेना की ओर से लेबनान के लोगों को लगभग 80,000 फोन कॉल किए और उन्हें घर से बाहर निकलने और सुरक्षित ठिकाना तलाशने की सलाह दी गई. इजरायल का कहना है कि वह हिजबुल्लाह पर हमला इसलिए कर रहा है ताकि वह अपने विस्थापित नागरिकों को वापस उत्तर की ओर भेज सके.
इजराइली हवाई हमले में लेबनान और सीरिया को जोड़ने वाले पुल को नुकसान
इजराइल के एक हवाई हमले ने एक छोटे पुल के सीरियाई छोर को निशाना बनाया है, जो लेबनान में जाने का एक रास्ता है. इजरायल ने कहा है कि वह ऐसे किसी भी रास्ते को नहीं छोड़ेगे जो हिजबुल्लाह के हथियारों की आवाजाही का जरिया हो. इससे पहले भी इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के हथियारों और ठिकानों को नेस्तनाबुद करने के लिए फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था.
ब्रिटेन की निंदा
ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इजराइल पर पिछले 11 महीनों में हिजबुल्ला के हमलों की निंदा की और दोहराया कि इन हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता जिसके कारण लेबनान और इजरायल के आम लोगों का जीवन बदहाल हो गया है.
ईरान को दिए गए एक संदेश में लैमी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का उल्लंघन करके आतंकी संगठनों को हथियारों की आपूर्ति को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने तेहरान से अनुरोध किया कि वह हिजबुल्लाह पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल संघर्षविराम समझौते के प्रति उसे राजी करने के लिए करे.
लैमी ने कहा, “यह सर्वाधिक खतरनाक पल है. हम बिलकुल कगार पर हैं. स्थिति खतरनाक है. आधी रात से कुछ मिनट पहले. हम क्षेत्रीय स्तर पर पूर्ण युद्ध के खतरे की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम पहले से ही कई मोर्चों पर संघर्ष देख रहे हैं.”
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