लखनऊ। भारतीय रेलवे ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं, और इसी क्रम में अब लखनऊ मंडल के महत्वपूर्ण रेलवे टिकट काउंटरों पर भी यात्रियों को QR कोड के माध्यम से भुगतान करके टिकट प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है। यह प्रणाली समय की बचत करती है और बिना कैश के लेनदेन को प्रोत्साहित करती है। इससे यात्रियों को भुगतान के पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलता है। रेल यात्री अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर रेल टिकट का भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए रेलवे ने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) सॉफ्टवेयर में बदलाव कर उसे बेहतर बनाया है। यह सुविधा न केवल आरक्षित बल्कि अनारक्षित टिकटों पर भी मिलेगी। इससे यात्रियों और टिकट बनाने वाले कर्मचारी का समय बचेगा। लखनऊ और वाराणसी सहित मंडल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए पहले दो तरह से भुगतान करने की सुविधा थी। यात्री नकद राशि देकर टिकट ले सकते थे या अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड से स्वैप मशीन के माध्यम से भुगतान कर सकते थे। कार्ड से मशीन में स्वैप कर भुगतान करने में समय लगता है। कई बार नेटवर्क नहीं आने पर यात्रियों और टिकट बनाने वाले कर्मचारी का काफी समय खराब होता है।
त्योहारों के सीजन में टिकट काउंटर पर भीड़ काफी बढ़ जाती है। ऐसे में टिकट बनाते समय क्यूआर कोड से अगर यात्रियों द्वारा भुगतान किया जाएगा तो उससे काफी समय बचेगा। टिकट की जानकारी भरने के बाद कर्मचारी द्वारा क्यूआर कोड जेनेरेट किया जाएगा। काउंटर के दूसरी तरफ मौजूद ग्राहकर इस पर अपनी टिकट की जानकारी देख सकेगा और उसके बाद भुगतान करेगा। भुगतान होते ही टिकट छपेगी और कर्मचारी द्वारा ग्राहक को दी जाएगी।