विक्रम मिसरी, विदेश सचिव
– फोटो : ANI (Video Grab)
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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर उपजा तनाव के अब खत्म होने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच करीब पांच साल बाद द्विपक्षीय बैठक कल होने जा रही हैं। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी की आज की बैठकों को लेकर जानकारी साझा करने के दौरान बताया कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कल रूस के कजान शहर में द्विपक्षीय बैठक होगी।
ब्रिक्स से इतर पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। हालांकि उन्होंने इस दौरान इस द्विपक्षीय बैठक को लेकर और कोई अन्य जानकारी नहीं साझा की है।
#WATCH | Kazan, Russia: “I can confirm that there will be a bilateral meeting held between Prime Minister Modi and Chinese President Xi Jinping tomorrow on the sidelines of the BRICS Summit.” says Foreign Secretary Vikram Misri pic.twitter.com/588eOWgQJ4
— ANI (@ANI) October 22, 2024
वहीं भारत-चीन के बीच एलएसी पर सीमा पर गश्त को लेकर सहमति बनने पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि, चर्चा के तहत लंबित क्षेत्रों में, गश्त और चराई गतिविधियां, जहां भी लागू हो, 2020 की स्थिति पर वापस आ जाएंगी। जहां तक पहले हुए विघटन समझौतों का सवाल है, इन चर्चाओं में उन समझौतों को फिर से नहीं खोला गया। कल जो समझौता हुआ, वह उन मुद्दों पर केंद्रित था जो पिछले कुछ वर्षों से लंबित थे।
#WATCH | Kazan, Russia: On India-China reaching agreement on border patrolling along LAC, Foreign Secretary Vikram Misri says, “…In the pending areas under discussion, patrolling and indeed grazing activities, wherever applicable, will revert to the situation as it obtained in… pic.twitter.com/1hOq6IyTXh
— ANI (@ANI) October 22, 2024
आज रूसी राष्ट्रपति के साथ पीएम की बैठक
वहीं पीएम मोदी के आज रूस के कजान शहर पहुंचने के बाद ब्रिक्स सम्मेलन से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई है। पीएम मोदी की आज की बैठक की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, प्रधानमंत्री का आज का पहला औपचारिक कार्यक्रम 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मेजबान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक थी। दोनों नेताओं ने इस वर्ष जुलाई में मॉस्को में आयोजित 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा की।
तमाम मुद्दों पर पीएम मोदी और पुतिन के बीच चर्चा
दोनों नेताओं के पास व्यापार, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, रक्षा, संपर्क, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों समेत द्विपक्षीय मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक व्यापक एजेंडा था। दोनों नेताओं के बीच आपसी चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने ब्रिक्स से संबंधित कई मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और राष्ट्रपति पुतिन ने कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से संबंधित दस्तावेजों को अंतिम रूप देने में भारत के रचनात्मक रवैये और योगदान के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की।
यूक्रेन संघर्ष पर बोले पीएम- बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने आगे कहा, दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेनी नेतृत्व के साथ अपने जुड़ाव के बारे में जानकारी दी और कहा कि भारत इस क्षेत्र में शांति लाने में योगदान देने के लिए तैयार है। एक महत्वपूर्ण मुद्दा जो सामने आया वह रूसी सेना में शेष भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा था। दोनों पक्षों ने इस पर चर्चा की और रूसी पक्ष के समर्थन से, हाल के महीनों में कई भारतीय नागरिक भारत लौटने में सफल रहे हैं।
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