बहराइच हिंसा (फाइल फोटो)
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बहराइच हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। वहीं, मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 4 नवंबर तय कर दी है। वहीं, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि जनहित याचिका क्यों दाखिल की गई है?
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर यूपी सरकार ने आश्वासन दिया था कि बुधवार तक आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मंगलवार को यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि बुधवार तक बहराइच में कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। नटराज ने इस पर सहमति जताते हुए कहा, हम कुछ नहीं करेंगे।
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वरिष्ठ वकील सीयू सिंह व अन्य वकीलों ने पीठ के समक्ष कहा, राज्य सरकार ने कथित रूप से दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव इस आधार पर रखा है कि उनका निर्माण अवैध है। पीठ ने कहा, आप इस अदालत के पारित आदेशों को जानते हैं। अगर राज्य सरकार इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहती है तो यह उसकी पसंद है।