लखनऊ। पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक श्री आदित्य कुमार के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 दीक्षा चौधरी के नेतृत्व में डेंगू बुखार की पहचान, उपचार एवं रोकथाम हेतु संपूर्ण लखनऊ मंडल में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मण्डल के चिकित्सा विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डेंगू बुखार की रोकथाम हेतु रेलवे कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों एवं रेलवे कालोनियों में वृहद सफाई अभियान चलाया जा रहा है जिसमे रेलवे आवासीय कॉलोनियों एवं रेलवे परिसर में डेंगू से जागरूकता रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य यूनिटों में डेंगू एवं संबंधित रोगों से होने वाले बुखार की जांच में बढ़ोतरी की गई है।
इसी क्रम में ऐशबाग स्थित रेलवे पॉली क्लीनिक में आयोजित ’स्वास्थ्य जागरूकता संगोष्ठी’ में अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय तिवारी ने बताया कि डेंगू के मच्छर खुले एवं साफ पानी में अण्डे देते हैं। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो ’एडीज एजिप्टी’ नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है।
डेंगू के मरीज को दो से सात दिवस तक तेज बुखार चढता है तथा इसके साथ निम्न लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे, अचानक तेज बुखार आना, सिर में आगे तेज दर्द, मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द। स्वाद का पता न चलना व भूख न लगना। छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें। चक्कर आना, जी घबराना, उल्टी आना। शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी। बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बड़ों की तुलना में हल्के होते हैं।
प्रारम्भिक बुखार की स्थिति में उपचार के साथ साथ मरीज को आराम करना चाहिए। डेंगू बुखार से ठीक होने पर मरीज एवं उसके परिजनों का उपरोक्त लक्षणों के उभरने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है तथा तेज बुखार होने पर मरीज को तुरन्त चिकित्सक को दिखायें।
डेंगू मच्छरों की उत्पत्ति न हो इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे छोटे डिब्बो व ऐसे स्थानो से पानी निकाले, जहॉं पानी बराबर भरा रहता है। कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले। घर में कीटनाशक दवायें छिड़कें। बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाये, जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। टंकियों तथा बर्तनों को ढककर रखें। हम सब अपने सम्मिलित प्रयासों से, मच्छर पैदा न होने दें और डेंगू बुखार से बचें।