Supreme Court
– फोटो : PTI
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन पर विचार करने से किया इनकार
मामले में जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि एनजीटी के दिशा-निर्देशों को शीर्ष अदालत में लंबित मामले में अंतरिम आवेदन के माध्यम से चुनौती नहीं दी जा सकती। पीठ ने लंबित मामले में दायर आवेदन पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि दिशा-निर्देशों को चुनौती देने के लिए अलग से कार्यवाही की जानी चाहिए।
SC ने आवेदक को आवेदन वापस लेने की अनुमति दी
इसलिए, शीर्ष अदालत ने आवेदक की तरफ से आवेदन वापस लेने की अनुमति दे दी और दिशा-निर्देशों को चुनौती देने या स्पष्टीकरण के लिए संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करने को कहा। पीठ ने यह भी कहा कि यदि प्राधिकरण कोई प्रतिकूल आदेश पारित करता है, तो आवेदक कानून के अनुसार उसे चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होगा।
एनजीटी ने पुराने वाहनों को लेकर दिए थे ये निर्देश
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और पंद्रह साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आवेदक ने व्यापक वाहन परिमार्जन नीति को यह कहते हुए चुनौती दी है कि इसमें वाहनों की फिटनेस या उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन की परवाह किए बिना उन्हें परिमार्जित करना अनिवार्य है।