अखनूर क्षेत्र में रूट मार्च निकालती पुलिस: स्रोत पुलिस
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शिव आसन मंदिर बट्टल में मुठभेड़ के दौरान गोलाबारी में खंडित भगवान शिव की मूर्तियों का बुधवार को विसर्जन नहीं किया गया। इन्हें पुलिस चौकी जोगवां में रखवाया गया है। अब शनिवार को विसर्जन किया जाएगा।
मंदिर कमेटी के अनुसार बुधवार की सुबह जब मूर्तियों को विसर्जन करने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई हलचल नहीं दिखी तो कमेटी के लोग जोगवां पुलिस चौकी में पहुंच गए। वहां पर उन्होंने पुलिस अधिकारी रोशन लाल चौधरी से मूर्तियों को विसर्जन करने की बात की, जिसपर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें उच्चाधिकारियों की तरफ से कोई भी निर्देश नहीं है।
तहसीलदार खड़ाहबली नरेंद्र रैना ने बताया कि सभी मूर्तियों को जोगवां पुलिस चौकी के मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। अब मूर्तियों का विसर्जन शनिवार को किया जाएगा। वहीं तहसीलदार नरेंद्र रैना ने बताया कि मंदिर का मरम्मत कार्य बुधवार से शुरू करवा दिया गया है।
तीसरे दिन भी खंगाले बट्टल के जंगल, दो-तीन आतंकियों के होने की आशंका
अखनूर के बट्टल क्षेत्र में तीनों आतंकियों को मारे जाने के बाद भी सेना और पुलिस का तलाशी अभियान जारी है। बट्टल और इसके आसपास तीसरे दिन भी जंगलों को गहनता से खंगाला गया। तलाशी के लिए ड्रोन से लेकर हेलिकाॅप्टर तक इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि क्षेत्र या फिर इसके आसपास दो से तीन और आतंकियों के होने की आशंका है, क्याेंकि जैश के आतंकी हमेशा पांच से 6 के समूह में घुसपैठ करते हैं। मारे गए आतंकियों की संख्या तीन थी। आतंकियों से बरामद सामान से भी अंदाजा लगाया जा रहा है, ये आतंकी अपने साथ अन्य आतंकियों का भी सामान लेकर आए थे। या फिर इनका कोई स्थानीय साथी भी था। इसी को देखते हुए पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रह है।
बताया जा रहा है कि पूर्व में लश्कर के आतंकी अखनूर क्षेत्र से घुसपैठ का रूट इस्तेमाल करते थे। इसी रूट से जैश के आतंकियों के आने की आशंका है। ये आतंकी पीओके के रास्ते से घुसे थे। आतंकियों के पास से एक वायरलेस सेट मिला था। इस वायरलेस सेट से पता चला कि ये जैश के थे।
हालिया आतंकी घटनाओं को देखें तो इनकी रणनीतिक अलग थी। ये छुपकर लंबे समय तक लड़ने की तैयारी केे साथ आए हुए थे। संभव है कि किसी सैन्य प्रतिष्ठान, रिहायशी इलाके या फिर मंदिर में लोगों को बंदी बनाकर हमले की फिराक से आए हों। ये भी जानकारी है कि पिछले कुछ महीने से आतंकियों के क्षेत्र में होने की सूचना मिल रही थी।