Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी जी की पूजा की जाती है. इस दिन तुलसी पूजन का बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना का अनंत फल होता है. इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं. जिससे आपके मनोकामना पूरी हो और दरिद्रता दूर हो सके.
जरूरतमंदों को करें दान
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है. इस दिन दान का बहुत अधिक महत्व होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हों वह जरूर करें. इससे घर परिवार में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहती है.
राशि अनुसार आपको किन चीजों का दान करना चाहिए |
मेष | गुड़ |
वृष | गर्म कपड़े |
मिथुन | मूंग की दाल |
कर्क | चावल |
सिंह | गेहूं |
कन्या | हरे रंग का चारा |
तुला | भोजन |
वृश्चिकृ | गुड़ और चना |
धनु | गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा |
मकर | कंबल |
कुंभ | काली उड़द की दाल |
मीन | हल्दी और बेसन की मिठाई |
भगवान शिव बने थे त्रिपुरारी
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक महाबलशाली असुर का वध इसी दिन किया था. इससे देवताओं को इस दानव के अत्यानचारों से मुक्ति मिली और देवताओं ने खुश होकर भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया.
विष्णु जी का प्रथम अवतार
भगवान विष्णुव का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था. प्रथम अवतार के रूप में भगवान विष्णुष मत्स्य यानी मछली के रूप में प्रकट हुए थे. इस दिन सत्यमनारायण भगवान की कथा करवाकर जातकों को शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों से राहत
कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे. खासकर शनि की साढ़ेसाती. वही कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष, नदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा.
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