झारखंड विधानसभा चुनाव 2024
– फोटो : AMAR UJALA
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एक जिला जो कोयले के लिए जाना जाता है… एक जिला जिसे भारत की कोयला राजधानी कहा जाता है…एक जिला जिसकी अर्थव्यस्था कोयले से चलती है…1950 के दशक में एक युवा उत्तर प्रदेश के बलिया से इसी कोयले से अपनी किस्मत बदलने की उम्मीद में यहां आता है। बीतते वक्त के साथ ये कोयला उस युवा की किस्मत बदल देता है…सिर्फ किस्मत नहीं बदलता बल्कि उसे इस जिले की राजनीति का पर्याय बना देता है। दशकों तक इस चेहरे की धमक यहां की राजनीति में रहती है। अचानक वो चेहरा दुनिया छोड़कर चला जाता है। लेकिन उसकी धमक ऐसी होती है यहां से उसके परिवार को शुरुआती नाकामी के बाद फिर से सफलता मिलने लगती है। ये सफलता परिवार में कलह भी लेकर आती है। कलह भी ऐसी कि वो खूनी जंग में बदल जाती है। अब इसी परिवार के चेहरों के बीच जिले की एक विधानसभा सीट पर वर्चस्व की लड़ाई है। वो सीट जो इस पूरे किस्से की गवाही देती है, वो सीट है झारखंड के धनबाद जिले की झरिया विधानसभा सीट….
हमारे खास कार्यक्रम सीट का समीकरण में आज इसी झरिया सीट की बात…बात इस सीट के इतिहास की… बात सूर्यदेव सिंह की, उनके परिवार और परिवार की अदावत की… बात होगी उस महिला की भी जिसने सूर्यदेव सिंह परिवार की चुनौती दी… चुनौती ही नहीं दी बल्कि उनके भाई को हराकर लालू प्रसाद यादव सरकार में मंत्री भी बनीं…