लखनऊ। इस वर्ष 2024 विश्व मधुमेह दिवस की थीम है “बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना”। इसी परिप्रेक्ष्य में आज पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में मंडल रेल प्रबंधक श्री आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बादशाहनगर डॉ दीक्षा चौधरी के निर्देशन में ‘विश्व मधुमेह दिवस’ के अवसर पर ऐशबाग स्थित रेलवे पाली क्लीनिक में स्वास्थ्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० संजय तिवारी ने उपस्थित रेल कर्मियों एवं उनके परिजनों को मधुमेह की बीमारी के लक्षणों एवं बचाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मधुमेह बीमारी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव डालती है। अनियंत्रित मधुमेह के निम्न सामान्य लक्षण शामिल होते है। जैसे अत्यधिक प्यास और भूख लगना, जल्दी पेशाब आना, उनींदापन या थकान, सूखी खुजली वाली त्वचा, धुंधली नज़र तथा धीरे-धीरे ठीक होने वाले घाव होने के लक्षण होते है।
इसके अतिरिक्त टाइप 2 मधुमेह में व्यक्ति के बगलों और गर्दन की त्वचा की परतों में रंगहीन धब्बे पैदा कर सकती है। चूंकि टाइप 2 मधुमेह का निदान होने में अधिक समय लगता है, इसलिए निदान के समय निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे पैरों में दर्द या सुन्नता। मधुमेह की जटिलताएँ आम तौर पर समय के साथ विकसित होती हैं। रक्त शर्करा के स्तर को ठीक से नियंत्रित न करने से गंभीर जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है जो जीवन के लिए ख़तरा बन सकता है। उन्होंने मधुमेह रोग होने के कारण एवं निवारण के साथ-साथ जीवन शैली परिवर्तित करने का सुझाव भी प्रदान किया। जिससे यह रोग होने न पाये। संगोष्ठी में डॉ० रुन्चिका किशोर, डॉ० अंशका दंत सर्जन ने मधुमेह रोग के कारण दाँतों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी।