श्रीराम तिलकोत्सव
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भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए रामनगरी अयोध्या में आयोजित एक भव्य समारोह में पड़ोसी देश के जनकपुर से 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने श्रीराम तिलक उत्सव में हिस्सा लिया। मंदिर के पदाधिकारियों ने बताया कि जनकपुर से लोग सोने, चांदी और पारंपरिक प्रसाद सहित उपहार लेकर आए हैं। दरअसल माता सीता के जन्मस्थान के रूप में प्रतिष्ठित जनकपुर इस परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और जनकपुर के मेयर मनोज कुमार शाह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल 501 प्रकार के प्रसाद लेकर आया है। यह समारोह विहिप मुख्यालय रामसेवकपुरम में आयोजित किया गया था, जिसमें नेपाली मेहमानों के स्वागत की व्यवस्था की गई थी। तिलक उत्सव की शुरुआत जनकपुर में जानकी मंदिर के पुजारी राम रोशन दास के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई।
विहिप के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि अयोध्या में कारसेवकपुरम, अभयदाता हनुमान आश्रम, विवेक सृष्टि, माता सरस्वती देवी मंदिर और तीर्थ क्षेत्र भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी। राममंदिर के गर्भगृह तक नेपाली प्रतिनिधिमंडल की यात्रा भक्ति गीतों, पारंपरिक नृत्यों और औपचारिक संगीत वाद्ययंत्रों के साथ हुई, जिसका समापन पवित्र प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों के साथ हुआ। बता दें कि, जनवरी 2024 में रामलला की मूर्ति की स्थापना के बाद पहली बार नवनिर्मित राम मंदिर में तिलक समारोह किया गया।
राम मंदिर ट्रस्ट के प्रवक्ता ओमकार सिंह ने बताया कि राम बारात 26 नवंबर को जनकपुर के लिए रवाना होगी और तीन दिसंबर को वहां पहुंचेगी। नेपाल के जनकपुर में विवाह उत्सव छह दिसंबर को होगा और बारात 10 दिसंबर को अयोध्या वापस लौटेगी।