09:26 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रांति पर बनेगा दुर्लभ संयोग
इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन कई तरह के शुभ योगों का निर्माण देखने को मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य गोचर करते हुए धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस बार सूर्य के मकर राशि में गोचर करने पर कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं। मकर संक्रांति के दिन पुष्य नक्षत्र जोकि शनि का नक्षत्र माना जाता है उसका योग है। इससे साथ-साथ विष्कुंभ, प्रीति जैसे योगों का भी निर्माण होगा। इन शुभ योग में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का महत्व बढ़ जाता है।
09:13 AM, 13-Jan-2025
पौष पूर्णिमा से हुई महाकुंभ 2025 की शुरुआत
आज पौष पूर्णिमा है और इसी के साथ महाकुंभ 2025 की शुरुआत भी हो गई है। आज सुबह से लाखों की संख्या में साधु-संतों और श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान और दान करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है। कल मकर संक्रांति और यह पहला अमृत स्नान भी जिसमें सभी 13 अखाड़ों के साधु-संत और नागा साधु समेत आमजन संगम में डुबकी लगाएंगे। इस बार महाकुंभ बहुत ही खास है क्योंकि यह 144 साल बाद दोबारा से आयोजन किया जा रहा है। आज पौष पूर्णिमा पर स्नान का मुहूर्त सुबह 5 बजकर से 27 मिनट से शुरू हुआ है जो दिन भर चलेगा।
09:00 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रांति पर भीष्म पितामह ने त्यागा था शरीर
मान्यता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपना शरीर त्यागने के लिए मकर संक्रांति के दिन का चयन किया था। इस के अलावा इसी दिन गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं। महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था।
08:50 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रांति का महत्व (Importance Of Makar Sankranti)
जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति बेहद खास इसलिए भी मानी जाती है, क्योंकि इस दिन से खरमास समाप्त हो जाता है और खरमास के समाप्त होने से शादी-विवाह या अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। मकर संक्रांति के त्योहार को भारत में पोंगल, खिचड़ी, संक्रांति, उत्तरायण भी कहा जाता है।
08:47 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यूपी और बिहार में मकर संक्रांति को खिचड़ी कहते हैं वहीं दक्षिण भारत में इस त्योहार को पोंगल कहा जाता है। मध्य भारत में इसे माघी/भोगली बिहू आदि के नाम से मनाते हैं। इस दिन कहीं दही-चूड़ा तो कहीं खिचड़ी और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं।
08:04 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त (Makar Sankranti Punya Kaal Muhurat 2025)
मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त 14 जनवरी की सुबह 09:03 से शाम 05:46 बजे तक रहेगा। महा पुण्य काल समय सुबह 09:03 से सुबह 10:48 बजे तक रहेगा।
08:00 AM, 13-Jan-2025
मकर संक्रांति कब है 2025 (Makar Sankranti 2025 Date)
मकर संक्रांति इस साल 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
08:00 AM, 13-Jan-2025
Makar Sankranti LIVE: मकर संक्रांति कल, जानें पूजा विधि और स्नान-दान का मुहूर्त
Makar Sankranti 2025 Date Time, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Snan Daan: कल यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसीलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है। इसलिए इसे उत्तरायण संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति से खरमास समाप्त होता है और शुभ व मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत हो जाती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर एक मास और इसके पश्चात शनि देव की ही राशि कुंभ में एक मास निवास करते हैं। इससे यह पर्व पिता व पुत्र की आपसी मतभेद को दूर करने तथा अच्छे संबंध स्थापित करने की सीख देता है। सूर्य के मकर राशि में आने पर शनि से संबंधित वस्तुओं के दान व सेवन से सूर्य के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। कुंडली में उत्पन्न अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से लाभ मिलता है। मकर संक्रांति को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। कुछ जगहों पर इसे संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी जैसे नाम से जाना जाता है। चलिए जानते हैं मकर संक्रांति से जुड़ी सभी जानकारी यहां।