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Mamta Kulkarni on bollywood Comeback: ममता कुलकर्णी ने हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आधिकारिक तौर पर संन्यास की दीक्षा ली है और सांसारिक जीवन त्यागने का फैसला किया है. इसी बीच उन्हें किन्नर अखाड़ा…और पढ़ें
नई दिल्लीः 90 के दशक की बोल्ड और ग्लैमरस बॉलीवुड स्टार ममता कुलकर्णी ने एक बार फिर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है, लेकिन इस बार वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा को लेकर चर्चा में हैं. बीते दौर में बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में ममता कुलकर्णी का नाम भी शुमार था जो काफी लंबे वक्त से छोड़ विदेश में रह रही थीं. बता दें कि उस दौरान उनका नाम कई विवादों से जुड़ा और फिल्मों तो वे वापस आ नहीं सकती थीं तो अब उन्होंने ग्लैमर वर्ल्ड को पूरी तरह से छोड़ साध्वी बनने का फैसला किया है. पिछले महीने भारत लौटने के बाद ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार 24 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शामिल होकर सांसारिक जीवन त्याग दिया. संन्यास की दीक्षा लेते ही ममता को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई.
हाल ही में महाकुंभ मेला 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े के साथ संन्यास लेने वाली अभिनेत्री से जब फिल्म इंड़स्ट्री में कमबैक को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब भी दिया. फिल्मों में वापसी को लेकर अभिनेत्री ने कहा ऐसा करना अब उनकी सोच भी परे है. अपने में बदलाव पर विचार करते हुए, उन्होंने बताया कि अब उनका पूरा ध्यान आध्यात्मिकता पर है, जो उनके बॉलीवुड के दिनों से एक महत्वपूर्ण बदलाव है. इंडिया टुडे के साथ एक स्पष्ट बातचीत में, ममता ने कहा, ‘मैं फिर से फिल्में करने की कल्पना भी नहीं कर सकती. अब मेरे लिए यह बिल्कुल असंभव है.’ उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा को अत्यंत संतुष्टिदायक बताया, तथा किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में अपने सम्मान की तुलना 23 वर्षों की भक्ति के बाद ओलंपिक पदक जीतने से की.
बता दें कि किन्नर अखाड़ा, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य अर्धनारीश्वर रूप का प्रतिनिधित्व करता है, उनकी स्वतंत्रता और आध्यात्मिक जागृति की इच्छा से प्रतिध्वनित हुआ. ममता ने देवी आदिशक्ति के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यात्रा ईश्वरीय इच्छा द्वारा निर्देशित है. महाकुंभ मेले के दौरान, ममता ने संगम पर पवित्र पिंडदान किया तथा किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में ताज पहनाई गईं. उन्होंने तब से श्री यमई ममता नंद गिरि नाम अपना लिया है, तथा आध्यात्मिक नेता के रूप में अपनी नई भूमिका को अपनाया है. दशनामी संप्रदाय के भीतर यह प्रतिष्ठित उपाधि सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त सम्मानित हिंदू भिक्षुओं को दी जाती है.
ANI के साथ बातचीत में ममता ने खुलासा किया कि उनका निर्णय महादेव, महा काली तथा उनके गुरु द्वारा निर्देशित था. उन्होंने साझा किया कि समय उनके नियंत्रण से परे था, तथा इस बात पर जोर दिया कि यह सब कुछ उनकी इच्छा का हिस्सा था. एक दिव्य योजना की. ममता कुलकर्णी, जो कभी करण अर्जुन जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती थीं, सालों से सुर्खियों से दूर रहीं. सांसारिक गतिविधियों को त्यागकर किन्नर अखाड़े के साथ आध्यात्मिक जीवन अपनाने का उनका फैसला एक गहरा बदलाव दर्शाता है, जो उनकी यात्रा में एक परिवर्तनकारी अध्याय की शुरुआत करता है.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
January 26, 2025, 18:31 IST