ममता कुलकर्णी स्वामी गगन गिरी महाराज को अपना गुरू मानती हैं. स्वामी गगन गिरी महाराज नाथ संप्रदाय के गुरु थे.
श्री गगनगिरी महाराज का जन्म 1906 में महाराष्ट्र के सतारा के मंदुरे नामक गांव में हुआ था. इनका नाम श्रीपद गणपतराव पाटनकर था. पाटनकर परिवार एक शाही परिवार था और चालुक्य का प्रत्यक्ष वंशज था.
7 साल की उम्र में ही स्वामी गगन गिरी महाराज ने घर छोड़ दिया और बत्तीस-शिराला में स्थित नाथ संप्रदाय के मठ में चले गए.
गगनगिरी महाराज विशेष रूप से अपनी तीव्र जल तपस्या और गहन ध्यान प्रथाओं के लिए जाने जाते थे.
ममता कुलकर्णी ने अपनी पुस्तक, ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी: मैन फ्रॉम माउंटेन्स में स्वामी गुरु गगन गिरी महाराज के बारे में लिखा है.
स्वामी गगन गिरी महाराज से उनकी मुलाकात साल 1996 में हुई थी. इसके बाद ही ममता कुलकर्णी की अध्यात्म की तरफ रुचि बढ़ी.
Published at : 04 Feb 2025 11:34 AM (IST)
Tags :
ऐस्ट्रो फोटो गैलरी
ऐस्ट्रो वेब स्टोरीज