पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक की पूरी कहानी जाफर एक्सप्रेस के चालक ने बयां की है। जाफर एक्सप्रेस के चालक अमजद ने बताया कि बलूच लड़ाकों ने पहले पटरी पर विस्फोट किया था। इसके चलते कई कोच पटरी से उतर गए थे। इसके बाद बलूच लड़ाकों ने ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया था।
हमले के वक्त जाफर एक्सप्रेस के नौ डिब्बों में करीब 500 यात्री सवार थे। यह रेल क्वेटा से पेशावर जा रही थी। ट्रेन के चालक अमजद ने बताया कि लड़ाकों ने पहले इंजन के नीचे विस्फोट किया। इसके बाद कोच पटरी से उतर गए। कोच के पटरी से उतरते ही लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया।
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एक अन्य यात्री मुश्ताक ने बताया कि हमले के वक्त वे और उनका परिवार ट्रेन के तीसरे कोच में थे। उन्होंने कहा कि ‘एक तेज धमाका हुआ और इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। गोलीबारी करीब एक घंटा तक जारी रही। यह ऐसा मंजर था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।’ एक अन्य यात्री इशाक नूर ने बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ क्वेटा से रावलपिंडी जा रहा था। नूर ने कहा ‘धमाका इतना तेज था कि ट्रेन की कई खिड़की और दरवाजे भी टूट गए।’
मंगलवार को क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई जफर एक्सप्रेस को विद्रोहियों ने गुडलार और पीरू कुनरी की पहाड़ी इलाकों के पास एक सुरंग में बंधक बना लिया था। विद्रोहियों ने पटरी को उड़ा दिया और ट्रेन के रुकते ही उस पर कब्जा जमा लिया था। नौ डिब्बों की ट्रेन में 400 से अधिक यात्री सवार थे। बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी ली थी और 214 यात्रियों को बंधक बनाने का दावा किया था। साथ ही सैन्य कार्रवाई पर सभी बंधकों की हत्या करने की धमकी दी थी। बीएलए ने बंधकों के बीच अपने आत्मघाती दस्ते के सदस्यों को बिठा दिया था, जिन्होंने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी। इससे सुरक्षा बलों को बंधकों को मुक्त कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने बुधवार को बताया था कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर मौजूद सभी 33 विद्रोहियों को मारकर और सभी यात्रियों को सुरक्षित बचाकर ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विद्रोहियों ने जब ट्रेन पर हमला किया था तब 21 यात्रियों की हत्या कर दी थी। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक ने कहा कि सशस्त्र बलों के अभियान में किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
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