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समय रैना और रणवीर अल्लाहबादिया को विवादास्पद टिप्पणियों के बाद कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कॉमेडियन समय रैना ने आखिरकार इंडिया गॉट लैटेंट पर अपनी और रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणियों के विवाद के हफ्तो…और पढ़ें
कॉमेडियन ने मान ली अपनी गलती
हाइलाइट्स
- समय रैना ने विवादित टिप्पणियों पर अफसोस जताया.
- रैना ने भविष्य में सतर्क रहने का वादा किया.
- विवाद ने रैना के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला.
नई दिल्ली. समय रैना सोमवार को नवी मुंबई में महाराष्ट्र साइबर पुलिस के सामने पेश हुए थे, जहां उन्हें चल रही जांच के संबंध में समन किया गया था. अपने बयान में, रैना ने अपनी टिप्पणियों पर गहरा अफसोस जताया और इस बात को भी कबूल किया कि वे आवेश में आकर ऐसी बातें कह गए थे और उनका कोई इरादा नहीं था.
मुझे गहरा अफसोस है कि मैंने क्या कहा. यह शो के दौरान बहकावे में आकर हुआ और मेरा ऐसा कहने का कोई इरादा नहीं था, ‘रैना ने अपने बयान में कहा. अपनी गलती को स्वीकारते हुए उन्होंने आगे कहा, “मुझे एहसास है कि मैंने जो कहा वह गलत था.’
वादा किया नहीं होगी ऐसी गलती
रैना ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह फ्यूचर में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिक सतर्क रहेंगे. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस विवाद ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला है और उनके कनाडा दौरे की योजना भी इस स्थिति के कारण प्रभावित हुई. महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने पहले रैना के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने पर जोर दिया था. यह जांच मुंबई पुलिस के सहयोग से की जा रही है.
यूं शुरू हुआ था विवाद
विवाद कैसे शुरू हुआ? विवाद तब शुरू हुआ जब रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें बीयरबाइसेप्स के नाम से भी जाना जाता है, ने इंडिया गॉट लैटेंट पर अश्लील टिप्पणियां कीं. उन्होंने कथित तौर पर एक कंटेस्टेंट से उसके ‘साइज’ के बारे में पूछा और यहां तक कि उसे आपत्ति जनक 2 करोड़ रुपये की पेशकश की. एक अन्य उदाहरण में, अल्लाहबादिया ने एक यूट्यूब शो से एक आपत्तिजनक सवाल पूछा, ‘अपने माता-पिता को हर दिन संबंध बनाते हुए देखें या एक बार शामिल होकर इसे हमेशा के लिए रोक दें?
बता दें कि इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था. इसके परिणाम ये हुआ था कि उन पर कई एफआईआर दर्ज की गईं और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया. इस महीने की शुरुआत में, शीर्ष अदालत ने रैना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी खुद को “ओवरस्मार्ट” समझती है और उन्हें लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं. “कुछ लोग स्वतंत्र भाषण आदि पर लेख लिख रहे हैं. हम जानते हैं कि उन्हें कैसे संभालना है. हर मौलिक अधिकार के साथ कर्तव्य भी आता है. प्रतिबंध भी होते हैं, ‘न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की.