आगरा के आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-7 में पांच दुकानों के ढहने से मलबे में दबकर दो सगे भाइयों की मौत हो गई। रात में पोस्टमार्टम के बाद रविवार की सुबह दोनों भाइयों की अर्थियां एक साथ उठीं तो परिवार में चीत्कार मच गया। गमगीन माहौल में कैलाश मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया।
आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-3 में पांच भाइयों के अलग-अलग घर हैं। हादसे में जान गंवाने वाले विष्णु उपाध्याय प्रापर्टी डीलर थे। उनके परिवार में पत्नी रेखा, बेटे राहुल और रोहित हैं। घर के ही एक हिस्से में बांके बिहारी नाम से मिनी बाजार चलाते हैं। बेटी शिवानी पढ़ाई कर रही है।
मलबे में दबे लोगों को निकालते हुए लोग
– फोटो : अमर उजाला
वहीं दूसरे मृतक किशनचंद उपाध्याय रेलवे से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी पत्नी मीना के अलावा बेटे सोनू का परिवार है। सोनू भी रेलवे में है। दोनों भाइयों की इस तरह हादसे में मौत से पूरा परिवार सदमे में है। दुकानें करीब 30 साल पुरानी थीं। हादसे के बाद पांच भाइयों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
मलबे में दबे लोगों को निकालते हुए लोग
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हादसे में तीसरे भाई पुष्कर घायल हैं। उनका इलाज नर्सिंग होम में चल रहा है। परिवार के कुछ सदस्य उनकी तीमारदारी में लगे हैं। दूसरी ओर, अन्य घायलों को लोग एसएन अस्पताल में इलाज के बाद निजी अस्पतालों में ले गए। चिकित्सकों ने बताया कि सभी की हालत खतरे से बाहर है।
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तीन माह पहले पौत्री की हुई थी मौत
परिजन के मुताबिक, तीन माह पहले किशनचंद के बेटे सोनू की पांच साल की बेटी छनक की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। परिवार कार से दर्शन करके लौट रहा था। कार का एक्सल टूटने से हादसा हुआ था। इस हादसे से परिवार उबर भी नहीं पाया था कि अब हादसे में दो मौत हो गई।
मलबे में दबे लोगों को निकालते हुए लोग
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मलबे में दबी दुकान, लाखों का नुकसान
हादसे में छोटे भाई त्रिलोकी की परचून की दुकान भी तहस-नहस हो गई। मलबे में कुछ बचा हुआ सामान समेट रहे त्रिलोकी ने बताया कि दुकान में हाल में सामान भरवाया था। लाखों का नुकसान हो गया। अब मलबे को हटवा रहे हैं। नए सिरे से सब कुछ शुरू करना पड़ेगा।