केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अब तक चीन से ज्यादा निवेश नहीं आया है और सरकार भी चीन से कोई बड़ा निवेश लाने के पक्ष लाने के पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, हमारी कोशिश है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उन विकसित देशों से जोड़ा जाए, जो निष्पक्ष व्यापार में भरोसा रखते हैं और जहां हमें व्यापार और निवेश का बराबरी का मौका मिले।
कार्नेगी इंडिया वर्ल्ड टेक्नोलॉजी समिट को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, हर चीज आपसी भरोसे, पारस्पिक लाभ और बराबरी के आधार पर होगी।गोयल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ से वैश्विक व्यापार व्यवस्था में आए बदलावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, उन्हें इसमें कोई बड़ी परेशान नहीं दिखती, बल्क यह बदलाव दुनिया के लिए फायदेमंद है।
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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, भारत अपने हितों की रक्षा करेगा। हमारे लिए सबसे पहले भारत है। जो भी हमारे हित में होगा, हम अपनी नीतियों को उसी अनुसार बदलेंगे। इस समय चीन से भारत में शायद ही कोई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आ रहा है। पिछले 25 वर्षों में भी यही स्थिति रही है। जब चीन के लिए रास्ते खुले थे, तब भी भारत में ज्यादा निवेश नहीं आया। फिलहाल हम चीन से कोई बड़ा निवेश प्रोत्साहित भी नहीं कर रहे। यही हमारी वर्तमान नीति है।
उन्होंने कहा, हमारी कोशिश है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित देशों के साथ जोड़ें, जो निष्पक्ष व्यापार में विश्वास रखते हैं, ईमानदार व्यापारिक तरीकों को मानते हैं और जहां हमें व्यापार और निवेश करने के लिए समान अवसर मिलते हैं। सब कुछ आपसी भरोसे, आपसी लाभ और लेन-देन की भावना पर आधारित होगा। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इससे कोई बड़ा संकट पैदा होगा, सिवाय थोड़े समय की अस्थिरता के। मेरा मानना है कि दुनिया में जो बदलाव आ रहे हैं, वे वास्तव में पूरी दुनिया के लिए अच्छे हैं।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 अप्रैल को उन देशों पर 90 दिनों के लिए टैरिफ पर अस्थायी लगाई, जो अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में शामिल हैं। इस दौरान इन देशों पर केवल 10% शुल्क लगाया जाएगा। लेकिन चीन पर उन्होंने 145% तक टैरिफ लगा दिया। इसके जवाब में चीन ने भी जवाबी शुल्क लगा दिए।