लखनऊ में अमर उजाला संवाद 2025 कार्यक्रम जारी है। इसमें कई बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं। इसी कड़ी में भारत के दो दिग्गज मुक्केबाज विजेंदर सिंह और निकहत जरीन भी इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे और खेल और खिलाड़ियों को लेकर अपने विचार साझा करेंगे। ये दोनों ‘खिलाड़ियों की राह, आसान या मुश्किल’ सत्र में लोगों को संबोधित करेंगे। विजेंदर भारत के लिए मुक्केबाजी स्पर्धा में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले मुक्केबाज हैं। वहीं, निकहत जरीन विश्व चैंपियन रह चुकी हैं।
Trending Videos
विजेंदर ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में जीता था कांस्य
विजेंदर को साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। वे इन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे। 39 वर्षीय विजेंदर अभी पेशेवर सर्किट में खेल रहे हैं हालांकि उन्होंने 2022 के बाद से कोई मुकाबला नहीं लड़ा है। विजेंदर राजनीति में भी सक्रिय हैं। उन्होंने 2024 में भाजपा का दामन थामा था। इससे पहले वह कांग्रेस का हिस्सा थे।
निकहत ने 13 की उम्र में शुरू की बॉक्सिंग
28 साल की निकहत ने महज 13 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू कर दी थी, लेकिन उनके लिए यह राह आसान नहीं थी। समाज की तरफ से उन पर हिजाब पहनने का दबाव डाला गया। उनके शॉर्ट्स पहनने पर भी आपत्ति जताई गई। हालांकि, निकहत के पास उनके परिवार का समर्थन था और वह इन सब चीजों से लड़ते हुए कड़ी प्रैक्टिस पर लगी रहीं। निकहत के पिता जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने बेटी को खेल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। निकहत 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। वहीं, 2023 महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। हालांकि, वह पिछले साल ओलंपिक में पदक जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थीं।