राजपाल अपनी बहू सुमित्रा की हत्या करने के बाद गांव से भागा नहीं, बल्कि घर से 500-600 मीटर की दूरी पर स्थित आम के बाग में जाकर छिप गया। जहां से उसका घर साफ दिख रहा था। उसने वहां एक बीड़ी पी, फिर आम के पेड़ पर चढ़कर 15 फुट ऊंची डाल पर चारपाई वाली रस्सी बांधी। इसके बाद गले में फंदा डालकर लटक गया।
बुधवार सुबह जब पुलिस की तीन टीमें मदनापुर, कांट व उसकी रिश्तेदारियों में राजपाल का पता लगा रही थीं, तब करीब साढ़े बारह बजे खेत पर काम कर रहा एक ग्रामीण धूप से बचने के लिए बाग की ओर गया, तब उसने राजपाल को लटका देख शोर मचाया। कांट थाना प्रभारी महेंद्र सिंह व फॉरेंसिक टीम रास्ते से ही वापस हुईं। शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
राजपाल की चप्पल उसके शव से थोड़ी दूरी पर पड़ी हुई थी। शर्ट की जेब से एक बीड़ी का बंडल और एक माचिस मिली। आस्तीन से 150 रुपये बरामद हुए। सर्वेश ने बताया कि वह होली के बाद घर से चला गया था। बुधवार सुबह वह सो रहा था। करीब छह बजे चाची का फोन आया। कहा कि तुम्हारी घरवाली को मार दिया गया। तुरंत रोडवेज बस से वह घर पहुंच गया।
राजपाल को अपनी बहू सुमित्रा का बाहर आना-जाना पसंद नहीं था। इसी बात पर पहले भी घर में विवाद हो चुका था। हापुड़ से लौटकर आए बेटे सर्वेश ने बताया कि पूर्व में पत्नी और पिता को समझा दिया था। इसके बाद सब ठीक चलने लगा था। पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि इतनी बड़ी घटना घटित हो गई। गांव के लोगों ने बताया कि सर्वेश बहुत सीधा है। परिवार के लिए वह दो-दो महीने बाहर रहकर कमाता है और परिवार का भरण-पोषण करता है।