भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी की कई प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों का चयन कर सकती है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक हाल ही में भाजपा के शीर्ष नेतृव की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है।जिससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि ज्यादातर राज्यों में संगठनात्मक बदलाव के लिए जारी कवायद जल्द ही पूरी हो जाएगी। नड्डा फरवरी 2020 में तीन साल के कार्यकाल के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। हालांकि, लोकसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह तथा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में विचार-विमर्श किया है। भाजपा के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पार्टी को अपनी 37 प्रदेश इकाइयों में से 19 में संगठनात्मक चुनाव पूरे करने होंगे और नये अध्यक्षों की नियुक्ति करनी होगी।
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इन राज्यों में चुने जा सकते हैं नए प्रदेश अध्यक्ष
पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर संगठन स्तर तक विभिन्न स्तरों पर नये पदाधिकारियों के चुनाव से पहले पिछले साल सितंबर में अपना राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान शुरू किया था, जिसके बाद से अब तक करीब 15 प्रदेश इकाइयों के नए अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि हालांकि, पार्टी ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और गुजरात जैसे कई बड़े राज्यों में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन अभी भी नहीं किया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों के चयन के सिलसिले में संघ (आरएसएस) से विचार-विमर्श की प्रक्रिया लगातार जारी है। भाजपा के एक नेता ने कहा, कुछ प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाने के बाद नड्डा की जगह नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने माना कि यह पूरी प्रक्रिया होने में काफी समय लग सकता है।
नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की कवायद के दौरान भाजपा नेतृतव विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों को भी ध्यान में रख रहा है। बिहार में इस साल के अंत में, जबकि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने हैं।