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Mehmood Fees: एक्टर ने कॉमिक रोल से अपनी पहचान बनाई थी. 60 से लेकर 70 के दशक तक वह भारत के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर थे. हैरानी की बात है कि अमिताभ बच्चन, राजेंद्र कुमार और राजेश खन्ना जितनी फीस पूरी फिल्…और पढ़ें
कॉमिक रोल्स के दम पर बनाई अपनी पहचान.
हाइलाइट्स
- कैमियो के लिए मोटी रकम लेता था कॉमेडियन.
- राजेश खन्ना-अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा थी फीस.
- 71 साल की उम्र में मुंबई में हुआ था एक्टर का निधन.
नई दिल्ली. आज इंडिया में हाईएस्ट पेड सुपरस्टार्स की भरमार है. शाहरुख खान से लेकर सलमान खान, रजनीकांत और अल्लू अर्जुन जैसे सितारे एक फिल्म के लिए मोटी फीस की डिमांड करते हैं. सभी की फीस 100 से 200 करोड़ के आसपास होती है. लेकिन आज हम आपको ऐसे कॉमेडियन के बारे में बताते हैं, जो सिर्फ कैमियो रोल्स के लिए विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे बड़े सितारों से ज्यादा फीस लेते थे. क्या आपको उनका नाम पता है? अगर नहीं पता तो चलिए हम ही आपको बता देते हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम है महमूद.
महमूद ने 1940 के दशक में ‘किस्मत’ फिल्म में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया था. 1950 के दशक में ‘सीआईडी’ और ‘प्यासा’ जैसी फिल्मों में कॉमिक किरदारों से अपनी दमदार पहचान बनाई. वैसे शुरुआत से उनकी लीड रोल निभाने की इच्छा थी. 1960 के दशक में महमूद ने खुद को न केवल भारत के प्रमुख कॉमेडियन के रूप में स्थापित किया, बल्कि एक सफल स्टार भी बने. उनकी ‘पड़ोसन’, ‘भूत बंगला’, ‘जौहर महमूद इन हांगकांग’ और ‘बॉम्बे टू गोवा’ जैसी फिल्में सफल रहीं.

महमूद ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर शुरू किया करियर.
सबसे ज्यादा फीस लेते थे महमूद
60 के दशक के आखिर में महमूद देश के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बन चुके थे. द प्रिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, महमूद उस समय फिल्मों में सिर्फ दो हफ्ते के कैमियो के लिए 7.5 लाख रुपये फीस लेते थे. उस समय के टॉप एक्टर्स जैसे सुनील दत्त, धर्मेंद्र, शम्मी कपूर और राजेंद्र कुमार पूरी फिल्म के लिए 5 लाख से कम फीस लेते थे. यहां तक कि सुपरस्टार्स राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन भी 70 के दशक के मध्य तक 7.5 लाख रुपये का आंकड़ा पार नहीं कर पाए थे. बताया जाता है कि 80 के दशक तक महमूद अपने कैमियो के लिए उतनी फीस लेते थे, जितनी सलमान खान और आमिर खान अपनी शुरुआती फिल्मों के लिए नहीं ले पाते थे.
71 साल की उम्र में हुआ था निधन
बताते चलें कि 80 के दशक के बाद महमूद ने बहुत कम फिल्मों में काम किया. ‘अंदाज अपना अपना’ और ‘गुड्डू’ जैसी मूवीज में उन्होंने छोटे-मोटे किरदार निभाए. साल 1996 में उन्होंने ‘दुश्मन दुनिया का’ डायरेक्शन किया था, उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म थी. दो साल बाद वह ‘घर बाजार’ में नजर आए थे. जो उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई. यह मूवी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही. साल 2004 में 71 साल की उम्र में मुंबई में महमूद का निधन हो गया था.