अक्षय तृतीय के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का आगाज होगा। लेकिन 185 दिन तक चलने वाली यात्रा में पग-पग पर चुनौतियां सरकारी सिस्टम का व्यवस्थाओं का इम्तिहान लेगी। बीते वर्ष यात्रा में सामने आई चुनौतियों से सीख लेकर इस बार सरकार ने स्वास्थ्य, यातायात जाम, भीड़ प्रबंधन, आपदा से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम करने का दावा किया।
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चारधाम यात्रा प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार से जुड़ी है। यात्रा को सुगम, सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने के लिए बीते वर्ष चारधाम के कपाट बंद होने के बाद से प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी थी। पिछली यात्रा के दौरान धामों में भारी भीड़ उमड़ने, यात्रा मार्गों पर घंटों जाम लगने के साथ ही केदारघाटी में आपदा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। तीर्थ यात्रियों की भीड़ बढ़ने से कुछ दिनों के लिए पंजीकरण को भी रोकना पड़ा था।
इस बार चारधाम यात्रा के लिए अब तक 22.30 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं। इससे मई माह में चारधाम व हेमकुंड साहिब की यात्रा में आने के लिए 15 लाख ने पंजीकरण कराया है। भीड़ प्रबंधन के लिए यात्रा के शुरुआती एक माह में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं होगी।