वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 27 से 28 अक्तूबर तक ब्रसेल्स में रहेंगे। यहां वह भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए उच्च-स्तरीय बैठकें करेंगे। यह जानकारी रविवार को भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने दी। इस समझौते के लिए बातचीत की अंतिम समय सीमा नजदीक आ रही है और गोयल का यह दौरा समझौते में राजनीतिक ऊर्जा और रफ्तार लाने की कोशिश है। मंत्रालय के मुताबिक, गोयल अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यापार आयुक्त मारोस सेफ्कोविक से मुलाकात करेंगे और उनकी यह मुलाकात समझौता वार्ता के अंतिम चरण की दिशा और रणनीति तय करने में अहम होगी।
ईयू की मांगें और भारत के लिए अवसर
ईयू चाहता है कि भारत ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, शराब, वाइन, मांस और पोल्ट्री पर शुल्क में बड़ी कटौती करे और एक मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था बनाए। अगर यह समझौता पूरा होता है, तो भारत के तैयार कपड़े, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे निर्यात उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे। ब्यूरो
बातचीत है निर्णायक मोड़ पर
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, यह यात्रा भारत–ईयू एफटीए वार्ताओं के महत्वपूर्ण चरण में हो रही है, जहां दोनों पक्ष एक संतुलित, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते तक पहुंचने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि गोयल का दौरा इन चर्चाओं को रणनीतिक दिशा और राजनीतिक बल देगा।
मुख्य मुद्दों पर चर्चा
गोयल इस दौरान बाजार तक पहुंच, गैर-शुल्कीय उपाय और नियामक सहयोग जैसे प्रमुख विषयों पर संबंधित यूरोपीय अधिकारियों से बातचीत करेंगे। वार्ता के दौरान समझौते पर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाएगी जहां और तालमेल की जरूरत है।
इस हफ्ते ईयू टीम भी दिल्ली आएगी
इस हफ्ते ईयू प्रतिनिधिमंडल के भी नई दिल्ली आने की उम्मीद है ताकि व्यापार वार्ताओं को आगे बढ़ाया जा सके। हालांकि, अभी भी दोनों पक्षों के बीच इस्पात, ऑटोमोबाइल और गैर-शुल्कीय अवरोधों जैसे क्षेत्रों में मतभेद बने हुए हैं। गोयल की यह यात्रा हाल ही में हुई छह से 10 अक्तूबर की 14वें दौर की वार्ता के बाद हो रही है। इससे पहले वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने ब्रसेल्स में यूरोपीय आयोग की व्यापार महानिदेशक (डीजी-ट्रेड) सबाइन वेयंड से मुलाकात की थी। दोनों पक्ष अब दिसंबर तक समझौता पूरा करने के लिए अपनी बातचीत की गति बढ़ा रहे हैं।
आठ साल बाद फिर से शुरू हुई वार्ता
भारत और यूरोपीय संघ के बीच बातचीत 2013 से रुकी हुई थी। तब दोनों पक्ष बाजार खोलने के स्तर पर रजामंद नहीं हो पाए थे। जून 2022 में वार्ता फिर शुरू हुई। इसमें तीन प्रमुख समझौते व्यापक एफटीए, निवेश संरक्षण समझौता और भौगोलिक संकेतक पर समझौता शामिल हैं।
मजबूत हैं व्यापारिक संबंध
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 136.53 अरब डॉलर का रहा, जिसमें 75.85 अरब डॉलर का निर्यात और 60.68 अरब डॉलर का आयात शामिल था। यूरोपीय बाजार भारत के कुल निर्यात का 17 फीसदी हिस्सा है, जबकि भारत को ईयू के कुल निर्यात का नौ फीसदी मिलता है।











