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दिग्गज एक्टर परेश रावल ने नेशनल अवॉर्ड्स और ऑस्कर में लॉबिंग को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि वह अवॉर्ड्स से ज्यादा डायरेक्टर और राइटर की तारीफ को महत्व देते हैं.
नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्टर परेश रावल अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने फिल्म अवॉर्ड्स के विषय पर खुलकर बात की. हाल ही में परेश रावल ने नेशनल और अन्य अवॉर्ड्स में लॉबिंग के बारे में खुलकर चर्चा की और यह भी कहा कि ऑस्कर भी इससे पूरी तरह मुक्त नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उनके लिए वास्तव में किस तरह की पहचान मायने रखती है और वह ट्रॉफी या टाइटल्स नहीं हैं.
ऑस्कर अवॉर्ड्स में भी होती है लॉबिंग
परेश रावल ने आगे यह भी बताया कि लॉबिंग केवल भारत के अवॉर्ड सिस्टम तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘लॉबिंग तो ऑस्कर अवॉर्ड्स में भी होती है और यह प्रक्रिया अक्सर इन्फ्लुएंस और नेटवर्किंग से चलती है. वो कहते हैं कि हां भैया, राज की पिक्चर है. चलो, जितने अकादमी के मेंबर हैं, सबको व्हिप अप किया जाता है.’
परेश रावल किसे मानते हैं असली अवॉर्ड?
एक्टर ने कहा कि उनके लिए असली पहचान क्रिएटिव सहयोगियों से मिलती है, जिनकी राय का वह सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ‘अवार्ड खुद में फ्रेटरनिटी की तरफ से एक मान्यता है. लेकिन मेरे लिए फ्रेटरनिटी कौन रिप्रेजेंट करता है? डायरेक्टर. जब डायरेक्टर कहते हैं कट जब राइटर कहते हैं कि वह मेरे काम से खुश हैं, तभी मेरा अवॉर्ड मिल जाता है. वहां मेरी ड्राइव, मेरी इच्छा, सब खत्म हो जाती है. मैं उससे आगे देखने की इच्छा नहीं रखता.’
तारीफ मिलने पर होती है संतुष्टि
परेश रावल ने जोर देते हुए यह भी कहा कि उनके लिए असली तारीफ किसकी मायने रखती है. उन्होंने कहा, ‘जितना मेरे डायरेक्टर को पता है, जितना मेरे राइटर को पता है, जब उन्होंने कह दिया कि अरे परेश रावल, बेहतरीन, खत्म हो गई बात और उसके ऊपर कुछ चुने हुए लोग हैं मेरे, जिन्हें मैं मानता हूं, वो अगर कहें अरे क्या बात है, तो सोने पे सुहागा हो जाता है.’

साल 2015 में दैनिक भास्कर से करियर की शुरुआत की. फिर दैनिक जागरण में बतौर टीम लीड काम किया. डिजिटल करियर की शुरुआत आज तक से की और एबीपी, ज़ी न्यूज़, बिज़नेस वर्ल्ड जैसे संस्थानों में काम किया. पिछले 6 सालों से …और पढ़ें
साल 2015 में दैनिक भास्कर से करियर की शुरुआत की. फिर दैनिक जागरण में बतौर टीम लीड काम किया. डिजिटल करियर की शुरुआत आज तक से की और एबीपी, ज़ी न्यूज़, बिज़नेस वर्ल्ड जैसे संस्थानों में काम किया. पिछले 6 सालों से … और पढ़ें
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