Mukhtar Ansari Death
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
विषाक्त भोजन के मामूली से मामूली मामलों में खाद्य पदार्थों के नमूने लेने टीम पहुंच जाती है। फिर इतना बड़ा माफिया खुद और उसके परिजन जब लगातार खाने में जहर दिए जाने का आरोप लगा रहे थे, तो जिम्मेदारों ने एक बार भी उसके खाने-पीने के चीज समान का नमूना आखिर क्यों नहीं लिया। यह वह सवाल है, जिसे अब मुख्तार के वकील अपना हथियार बनाने की तैयारी में हैं।
इससे मामले में हो रही न्यायिक व मजिस्ट्रेटी जांच के दौरान भी जिम्मेदारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि 28 मार्च जिस रात माफिया हमेशा के लिए मौत की नींद सोया, उसी दिन उसने दोपहर में आखिरी बार खिचड़ी खाई थी। इसके बाद उसे उल्टियां भी हुई थीं। जेल प्रशासन ने माफिया को मेडिकल काॅलेज तो भेजा, लेकिन उस खिचड़ी की जांच क्यों नहीं कराई, जिसे खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ी थी। इससे पहले 20 मार्च को जब कोर्ट में मुख्तार के वकील ने जहर देने का शिकायती पत्र दिया था।