भाजपा प्रत्याशी के सुरेंद्रन (फाइल फोटो)
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केरल के वायनाड में राहुल गांधी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल को उनकी परंपरागत सीट अमेठी में हरा दिया था। हालाकि, वह वायनाड से जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे। भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल को वायनाड में भी घेरने के लिए जोरदार व्यूह रचना की है। पार्टी ने अपने मजबूत महारथी सुरेंद्रन पर दांव लगाया है। पार्टी का मानना है कि राष्ट्रवाद की आक्रामक राजनीति के धनी सुरेंद्रन इस बार राहुल का वायनाड में सूपड़ा साफ कर सकते हैं।
54 वर्षीय सुरेंद्रन ने पार्टी के मुखपत्र में अपने खिलाफ 242 आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें से ज्यादातर मामले 2018 में सबरीमाला मंदिर के लिए प्रदर्शन करने पर केरल पुलिस ने दर्ज किए थे। उन पर दर्ज अधिकतर मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। वाम मोर्चे और कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले केरल में सुरेंद्रन राष्ट्रवाद के मुद्दे पर अत्यंत मुखर रहे हैं। वह विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के पक्ष को मजबूती से रखते हैं। कोझिकोड के रहने वाले सुरेंद्रन ने एबीवीपी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। सुरेंद्रन ने रसायन शास्त्र से बीएससी कर रखी है।
सुरेंद्रन ने छात्र राजनीति का आगाज ही भाजपा के साथ किया था। भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 2009 में बेरोजगारी और सरकारी भर्ती पर प्रतिबंध के विरोध में एक जुलूस का भी नेतृत्व किया था। 15 फरवरी, 2020 को सुरेंद्रन को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
सुर्खियां बनता है लड़ाई का तरीका
सुरेंद्रन का विवादों से भी पुराना नाता रहा है और वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। मई 2017 में सुरेंद्रन ने उत्तर भारत के एक बाजार के फुटपाथ पर कटी हुई गायों की एक पुरानी ग्राफिक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की थी। इसे केरल में आयोजित गोमांस उत्सव से जोड़ा था। अक्तूबर 2015 में सुरेंद्रन की खाना खाते हुए तस्वीर फेसबुक पर प्रकाशित हुई थी, जिसका शीर्षक था- केरल के भाजपा नेता गोमांस खा रहे हैं। फोटो वायरल होने पर सुरेंद्रन ने जवाब दिया कि यह केवल प्याज की सब्जी थी, और कहा कि चुनाव के दौरान वह पूरी तरह से शाकाहारी थे। बाद में बोले के अपने जीवन में कभी गोमांस नहीं खाया। कोरोना महामारी के दौरान सुरेंद्रन ने कोझिकोड के अपने घर से तिरुवनंतपुरम तक यात्रा की थी। इससे भी राज्य में विवाद पैदा हुआ था।
लोकसभा-विधानसभा के आठ चुनाव लड़े इस बार जीत की आस
सुरेंद्रन ने 2009 से 2021 तक लोकसभा और विधानसभा के कुल आठ चुनाव लड़े, लेकिन जीत एक बार भी हासिल नहीं हुई। इस बार उन्हें जीतने की आस है। 2009 और 2014 में भाजपा ने उन्हे कसारगोड से उतारा था। 2019 लोकसभा चुनाव में पत्तनमतिट्टा सीट से वह कांग्रेस के एंटो एंटनी से हारे। 2011 से 2021 तक चार विधानसभा चुनाव व एक उपचुनाव भी हारे।