अलीगढ़। अलीगढ़ में पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद उल फितर की नमाज अमन चौन के साथ नई और पुरानी ईदगाह पर संपन्न करवाई गई। जहां ईद पर्व पर जिले के सभी ईदगाहों और मस्जिदों में मुस्लिम बंधुओ ने नमाज अदा की। नई ईदगाह और पुरानी ईदगाह शाह जमाल में मुस्लिम बंधुओ ने ईद की नमाज अदा कर एक दूसरे के गले लगकर ईद की बधाइयां दी। ईद की नमाज अदा होने के बाद शहर मुफ्ती ने बताया कि ईद की नमाज लोग सड़कों पर न पढ़े, इसको लेकर भी उनके द्वारा लोगों से अपील की गई थी। आपको बता दें कि ईद की नमाज सड़कों पर अदा करने को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा बुधवार को एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट को ज्ञापन सौंपकर सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाने की मांग की गई थी। रमजान के पाक माह में एक माह तक खुदा की इबादत करने के बाद जब गुरुवार को ईद का त्योहार आया तो हर किसी के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। लोगों ने एक साथ खुदा की इबादत की और फिर एक दूसरे के गले लगकर ईद की बधाइयां दी। ईद की नमाज नई ईदगाह और पुरानी ईदगाह शाहजमाल में अमन और चौन के साथ संपन्न हुई।
ईद उल फितर की नमाज सड़कों पर न पढ़ी जाये, इसको लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। नई और पुरानी ईदगाह पर ईद उल फितर की नमाज अदा किए जाने के बाद शहर मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद ने बताया कि नमाजियों की सड़क पर सफबंदी न हो, इसको लेकर उनके द्वारा लोगों से अपील की गई थी कि खुदा के वास्ते लोग सड़को पर नमाज न पढ़े। इसलिए उनके द्वारा फैसला लिया गया था कि नई ईदगाह में नमाज अदा हो जाने के बाद पुरानी ईदगाह पर दूसरी नमाज पढ़ी जाएंगी। यहीं वजह है कि उनके द्वारा लोगों से की गई अपील के बाद ईद उल फितर की नमाज के दौरान एक भी व्यक्ति के द्वारा सड़क पर नमाज अदा नहीं की। वहीं ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था पर शहर मुफ्ती खालिद हामिद ने बताया कि पुलिस प्रशासन चाहता था कि लोग सड़कों पर नमाज न पढ़े। जिसके चलते पुलिस प्रशासन को कामयाबी मिली।