नई दिल्ली. अशोक कुमार और राजेंद्र कुमार जैसे दिग्गजों के दौर में ही एक ऐसे कलाकार भी थे जो एक साल में दस फिल्मों में काम किया करते थे. लेकिन खास बात ये थी कि उनकी 10 फिल्में हिट हो जाया करती थीं. अपने दौर में उन्होंने कई जानी मानी एक्ट्रेसेस और उस दौर की टॉप एक्ट्रेस के साथ भी काम किया. मधुबाला और मीना कुमारी के साथ तो इनकी जोड़ी काफी पसंद की जाती थी.
हिंदी सिनेमा के इस सम्राट ने बतौर एक्टर पचास और साठ के दशक में अपने ऐतिहासिक किरदारों के जरिए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. राजा, महाराजा, राजकुमार या नवाब जैसे किरदार तो जैसे इनके लिए ही लिखे जाते थे. उनके दमदार अभिनय से सजी अनारकली, ताजमहल, बहू बेगम और चित्रलेखा जैसी फिल्मों को तो लोग आज भी भूल नहीं पाए हैं. इन फिल्मों में निभाए उनके किरदार तो अमर हो गए थे.
1949 से 1952 तक खूब घिसी एडियां
साल 1949 में अपने टैलेंट से लोगों का दिल जीतने मुंबई पहुंचने वाले वो एक्टर थे प्रदीप कुमार. जिन्होंने साल 1949 से 1952 तक अपनी पहचान बनाने के लिए और काम पाने के लिए खूब एडिया घिसी थीं. मुंबई पहुंचे ही वह कैमरामैन धीरेन डे के सहायक के तौर पर काम करने लगे थे. चार साल तक उन्होंने कड़ा संघर्ष किया. प्रदीप कुमार को फिल्मों में हीरे बनने के लिए उन्होंने हिंदी और उर्दू भाषा की तालीम भी लेना शुरू कर दिया था.
प्रदीप कुमार ने कई फिल्मों में नेगेटिव रोल भी निभाए हैं.
पृथ्वीराज कपूर संग आए नजर
साल 1952 में आई फिल्म ‘आनंद मठ’ से प्रदीप कुमार ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. इस फिल्म में उन्हें पृथ्वीराज कपूर जैसे दिग्गज अभिनेता संग काम करने का मौका मिला था. अपनी पहली ही फिल्म में वह दर्शकों के जहन में अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे. इस फिल्म की सफलता के बाद प्रदीप कुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए थे. उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
1 साल में दीं 10 हिट फिल्में
साल 1956 प्रदीप कुमार के करियर का सबसे अहम साल बना था. इस साल उनकी एक साथ 10 फिल्मों ने सिनेमाघरों में दस्तक दी. इनमें ‘सिरीं-फरहाद’, ‘जागते रहो’, ‘दुर्गेश नंदिनी’, ‘बंधन’, ‘राजनाथ’ और ‘हीर’ जैसी फिल्में रही. प्रदीप कुमार की जोड़ी मीना कुमारी के साथ काफी पसंद की जाती थी. इतना ही नहीं मधुबाला के साथ इन्हें पर्दे पर देखने फैंस को खूब भाता था.
बता दें कि किसी भी फिल्म में राजा, महाराजा, राजकुमार या नवाब की भूमिका की जरूरत होती थी तो सबसे पहले प्रदीप कुमार को याद किया जाता था. कुछ मेकर्स तो उनके हिसाब से ही इस तरह के किरदार तैयार करने लगे थे. यही वजह थी कि उन्हें बॉलीवुड का शहंशाह भी कहा जाने लगा था.
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FIRST PUBLISHED : April 11, 2024, 16:52 IST