एएमयू कुलपति प्रो. नईमा खातून
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की नवनियुक्त कुलपति प्रो. नईमा खातून के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनसे उन्हें निपटना हैं। यूनिवर्सिटी के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने और स्थायी कर्मचारियों को रुके भत्ते देने सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों में गुस्सा है। इन मांगों को पूर्ण करने की चुनौती होगी।
करीब छह हजार कर्मचारी हड़ताल से लेकर प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालकर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। 10 सूत्री मांगों को लेकर एएमयू के स्थायी, अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आंदोलित हैं। कर्मचारी नेता फैसल गांधी ने बताया कि अभी तक उनकी मांगों पर एएमयू इंतजामिया कोई ध्यान नहीं दे रहा था। एक साल से एएमयू प्रशासन ने भत्ता बंद कर रखा है। नई कुलपति के रूप में प्रो. नईमा ने कार्यभार संभाल रखा है। वह कर्मचारियों की सारी समस्याओं से अवगत हैं। उम्मीद है कि हमारे मामले को स्वत: संज्ञान लेकर मांगें पूरी करेंगी।
अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने और स्थायी कर्मचारियों को रुके भत्ते देने सहित अन्य मांगों को लेकर कुलपति कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने 28 अक्तूबर 2023 को धरना शुरू किया था। 18 जनवरी को कार्यकारी परिषद की बैठक में कर्मचारियों की मांगों का मुद्दा उठने की बात मौखिक रूप से कही गई, लेकिन न तो बैठक हुई और न ही उनके मुद्दे पर बात हुई।
एएमयू में कर्मचारियों की 6570 पद सृजित हैं। इनमें 3550 स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं। 1280 अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में 1740 पद रिक्त हैं। सरकार ओएच 36 के तहत 4830 कर्मचारियों की वेतन देती है, लेकिन इनमें 1280 कर्मचारियों को ओएच 36 से वेतन देती है। 2440 दैनिक वेतन कर्मचारियों को ओएच-31 से मानदेय दिया जा रहा है।
कुलपति बनने पर खुशी मनाई
अलीगढ़ पब्लिक स्कूल में प्रो. नईमा खातून के एएमयू की कुलपति बनने पर खुशी मनाई गई। प्रो. जकिया अथहर सिद्दीकी ने बताया कि प्रो. खातून विवि की पहली महिला कुलपति बनी हैं। यह एएमयू के लिए गौरव का क्षण है। स्कूल के प्रधानाचार्य इरफान अली नकवी ने कहा कि विश्वविद्यालय अब सफलता के नए आयाम स्थापित करेगा। डॉ. दौलत राम शर्मा ने कहा कि यह दौर महिला सशक्तिकरण का है। यहां इरशाद हुसैन, आसिफ अजीम, मीनाक्षी सिंह, फातिमा जेहरा आदि मौजूद रहीं।