चौधरी चरण सिंह को आया गुस्सा
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पांचवीं लोकसभा का चुनाव था। आगरा में चौधरी चरण सिंह की सभा थी। जैसे ही उनका भाषण शुरू हुआ कांग्रेसियों ने हंगामा शुरू कर दिया। बवाल इतना बढ़ गया कि उन्हें बीच में ही सभा भंग करनी पड़ी। भाषण पूरा न होने से गुस्साए किसानों के मसीहा ने इंदिरा सहित सभा में हंगामा करने वाले कांग्रेसियों को गांवों में घुसने की चुनौती दी। कहा कि जनता उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने देगी।
अमर उजाला में 10 फरवरी 1971 को प्रकाशित समाचार के अनुसार, सुभाष पार्क में समर्थकों ने भारतीय क्रांति दल ( बीकेडी ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह की चुनावी सभा रखी थी। चरण सिंह के भाषण के दौरान विरोधियों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे उनके खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पुलिस को शांति बनाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे कुछ लोग घायल भी हो गए।
सभा में विघ्न के कारण वह पहली बार पांच मिनट और दूसरी बार लगभग दस मिनट ही भाषण दे सके। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर आप में कुछ तहजीब है तो चुपचाप बैठ जाएं। लोकतंत्र में बोलने की आजादी है। पुलिस के समझाने पर कुछ देर शांति रही, लेकिन कुछ देर बाद फिर हंगामा शुरू हो गया। चरण सिंह हंगामे से बहुत गुस्से में आ गए। उन्होंने मंच से कहा कि वह जानते हैं कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के लोग उपद्रव कर रहे हैं। हंगामा करने वालों से कहा कि अगर वे इस तरह उनकी सभा में उपद्रव करेंगे तो उनकी सभा भी गांवों में नहीं होने पाएगी। वे गांवों में घुस नहीं पाएंगे। हंगामे के चलते सभा बीच में भंग कर दी। पुलिस ने सभा में उपद्रव के आरोप में 13 कांग्रेस समर्थकों को गिरफ्तार किया। इनमें ब्रजमोहन शर्मा ब्रज, लोकेश श्रोत्रिय, भवतोष चक्रवर्ती, उदय प्रकाश शर्मा आदि शामिल थे।