लोकसभा एक भाषण ने लद्दाख के युवा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल को देश में रातों रात हीरो बना दिया था। भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से लेकर सियासी गलियारों में नामग्याल को भारतीय जनता पार्टी में भविष्य के बड़े चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किए जाने की बात कही जाने लगी थी। लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए जब मंगलवार को टिकट दिया गया तो लद्दाख से नामग्याल का टिकट ही कट गया। टिकट कटने के बाद लद्दाख के सांसद जामयांग नामग्याल ने अमर उजाला डॉट कॉम से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि उनका टिकट कटना न सिर्फ उनके लिए लद्दाख में भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों के लिए भी झटके जैसा है। वह कहते हैं कि अब आगे का फैसला लद्दाख की जनता करेगी। फिलहाल नामग्याल ने पार्टी के अंदरूनी फीडबैक सिस्टम पर सवालिया निशान लगाया है।
नामग्याल का कहना है कि उनके खिलाफ कुछ लोगों ने राजनीति की और षड्यंत्र रचा। नामग्याल टिकट कटने के बाद बुधवार को लेह पहुंच रहे हैं। वहां फैसला क्या निर्दलीय चुनाव लड़ने के तौर पर भी होगा या कुछ और जैसे कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब नामग्याल खुलकर देते हैं। पेश है सांसद नामग्याल से हुई बातचीत के अंश…
सवाल: आपका टिकट कट गया। क्या अंदेशा था कि ऐसा होगा?
जवाब: बिल्कुल नहीं था। यह तो मेरे लिए बड़ी शॉकिंग खबर थी। सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि लद्दाख के भाजपा कार्यकर्ताओं और मेरे समर्थकों के लिए भी यह खबर शॉकिंग थी।
सवाल: तो ऐसा क्या हुआ कि आपका टिकट कट गया?
जवाब: यही बात तो अब तक मेरी समझ में नहीं आ रही है। मैंने कभी कोई गलत बात नहीं की। पार्टी के खिलाफ कभी नहीं गया। क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े लद्दाख इलाके के प्रत्येक गांव में एक बार नहीं दो बार से लेकर पांच बार तक गया। इलाके में जितना विकास का काम हुआ वह आप आकर देख सकते हैं। सड़के बन रही हैं। गांव के गांव सड़क नेटवर्क से जुड़ रहे हैं। पार्टी को खड़ा करने के लिए लद्दाख में खूब मेहनत की है। लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से जोड़ा है। बावजूद इसके मेरा टिकट काट दिया गया। अब ऐसा फैसला क्यों लिया गया यह तो समझ से परे है।
सवाल: कहा जा रहा था कि आपके खिलाफ एंटीइनकंबैंसी हो गई थी। आपको इसका अंदाजा तो रहा होगा?
जवाब: एंटीइनकंबैंसी का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। प्रोइनकंबैंसी होते हुए भी टिकट काट देना किसी की समझ में नहीं आ रहा है। लोगों के फीडबैक के आधार पर ही सब कुछ तय होता है। मैंने 2011 में पार्टी ज्वाइन की। उसके बाद पार्टी का ग्राफ लद्दाख इलाके में खूब बढ़ा। यहां के चुनावों में लगातार भाजपा जीतती रही। मैंने तो पार्टी के लिए लगातार काम ही किया है।
सवाल: पार्टी का अपना एक फीडबैक सिस्टम होता है। टिकट का कटना और मिलना तो उसी आधार पर होता होगा?
जवाब: निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी का फीडबैक सिस्टम बहुत मजबूत माना जाता है। लेकिन मेरी जानकारी के हिसाब से ऐसा निर्णय बिल्कुल नहीं आना चाहिए था। अगर किसी ने कुछ इनपुट दे दिया और चार लोगों ने खिचड़ी पका ली तो आप खा लेंगे क्या। ऐसा थोड़े ही होता है।
सवाल: तो आपको लगता है कि कुछ ऐसी “खिचड़ी पकी” जिसके चलते आपका टिकट कट गया। या कुछ और वजहें रही होंगी?
जवाब: देखिए कुछ लोगों ने सियासी तौर पर षड्यंत्र रचे। अंदर से काटने की कोशिश हुई। अब देखिए सियासत है तो यह सब होता रहता है। लेकिन ऊपर बैठे हुए नेताओं को हकीकत के साथ जाना चाहिए था। इसके अलावा और भी कुछ वजह है जो मुझे पता हैं।
सवाल: क्या है वो वजहें?
जवाब: अब छोड़ो न। कुछ बातें हमारी पार्टी के अंदर ही रहें तो बेहतर। मैंने बहुत कुछ लिखकर दिया हुआ है।
सवाल: क्या लिखकर दिया है। कुछ बता सकें तो बताइए।
जवाब: जाने दीजिए, अब जो दिया है वो नहीं बता सकता।
सवाल: खैर, आपने टिकट कटने के बाद अपनी पार्टी के किसी बड़े नेता से बात की या नहीं।
जवाब: मेरी तो बातचीत हमारे प्रभारी तरुण चुग से होती रहती है। बाकी मुझे अपने काम पर इतना भरोसा था कि टिकट के लिए सिफारिश लगवाने की बिलकुल जरुरत नहीं है। लेकिन जब मुझे मेरे टिकट कटने के पार्टी के निर्णय को लेकर बताया गया तो मैंने तरुण चुग से यही कहा कि यह तो अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है।
सवाल: क्या आपने अपने टिकट को लेकर कभी किसी बड़े नेता से संपर्क किया था या नहीं?
जवाब: नहीं कभी नहीं। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह या पार्टी के अध्यक्ष नड्डा साहब से टिकट को लेकर कभी कोई निवेदन या पैरवी जैसा कुछ खास किया ही नहीं। मुझे पता था इतना अच्छा काम हुआ है। सबका आशीर्वाद है। मैं तो वही मान कर चल रहा था कि टिकट तो मुझे ही मिलेगा। हां, मैं प्रभारी तरुण चुग जी के लगातार संपर्क में था।
सवाल: अब आगे क्या होगा। पार्टी कोई नई जिम्मेदारी देगी तो उसके साथ जाएंगे। या कुछ और फैसले लेंगे।
जवाब: देखिए मैं एयरपोर्ट पर हूं। थोड़ी देर में लेह पहुंच जाऊंगा। वहां पर पार्टी के कार्यकर्ताओं अपने समर्थको समेत लद्दाख के लोगों से मुलाकात करूंगा। उसके बाद जो स्थानीय लोग मेरे बारे में फैसला लेंगे। फिर आगे वही किया जाएगा।
सवाल: आपका टिकट कटने के बाद लेह में चर्चा है कि आप निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। क्या ऐसा होगा।
जवाब: अभी इस पर कुछ कहना बहुत जल्दी हो जाएगा। अगले दो तीन दिन लगेंगे लोगों से बातचीत करने में। लेकिन उसके बाद लेह लद्दाख के लोग जो फैसला मेरे बारे में सुनाएंगे। निश्चित तौर पर उसे पर ही आगे बढ़ा जाएगा।