UK First Sikh Court: लंदन में ब्रिटिश सिख वकीलों द्वारा एक पहली बार नई सिख अदालत की शुरुआत की गई है। कोर्ट में घरेलू हिंसा, जुआ और मादक द्रव्यों के सेवन जैसे मामलों को देखा जाएगा।
अदालत (सांकेतिक तस्वीर)
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ब्रिटेन में पारिवारिक और नागरिक विवादों में फंसे सिख समुदाय के लोगों लिए एक सुखद खबर है। लंदन में ब्रिटिश सिख वकीलों द्वारा एक नई अदालत की शुरुआत की गई है। सिख समुदाय के लोग एक विवाद समाधान मंच के रूप में नई अदालत को स्थापित करने के लिए एकजुट हुए।
लिंकन के ओल्ड हॉल में सिख अदालत की शुरुआत
एक न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है कि लंदन के लिंकन इन के ओल्ड हॉल में एक समारोह में धार्मिक मंत्रोच्चार के साथ सिख अदालत की शुरुआत की गई। अदालत के संस्थापकों में से एक वकील बलदीप सिंह का कहना है कि इसका उद्देश्य संघर्ष और विवादों से निपटने के दौरान जरूरत के समय सिख परिवारों की सहायता करना है।
व्यक्तिगत रूप से संचालित होगी अदालत
बताया गया है कि नई अदालत व्यक्तिगत रूप से संचालित होगी, और इसमें लगभग 30 मजिस्ट्रेट और 15 न्यायाधीश होंगे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश महिलाएं होंगी। अदालत में मजिस्ट्रेट का काम समझौते के लिए पक्षों के बीच मध्यस्थता करना होगा।
अदालत में इन मामलों को देखा जाएगा
सिख संस्थाओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि अदालत में घरेलू हिंसा, जुआ और मादक द्रव्यों के सेवन जैसे मामलों को देखा जाएगा। अगर इन मामलों में मध्यस्थता असफल होती है, तो मामले को अदालत के न्यायाधीश के सामने लाया जा सकता है। इसके बाद मध्यस्थता अधिनियम के तहत कानूनी रूप से निर्णय लिया जाएगा। बलदीप सिंह ने कहा कि जिन मुद्दों से हम निपट नहीं सकते हैं, उन्हें उचित स्थान पर निर्देशित किया जाएगा। नई अदालत के नियमों के तहत किसी मामले में दोनों पक्षों को भाग लेने के लिए सहमति देनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस अदालत का उद्देश्य अंग्रेजी अदालतों पर कब्जा करना और उन्हें परेशान करना नहीं है।