यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने 14 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मजदूर दिवस के अवसर पर यूपी प्रेस क्लब में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पत्रकारों के लिए पेंशन योजना, पत्रकार सुरक्षा कानून, पीजीआई में सभी श्रमजीवी पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा और डेस्क कर्मियों को प्रेस मान्यता दिए जाने की मांग की गयी। यूनियन ने मुख्यमंत्री को संबोधित इन 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सीएम के सलाहकार और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवनीश अवस्थी को सौंपा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने मई दिवस पर सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि जादूगर अगर जादू दिखा दे तो आवास और पेंशन की समस्या खत्म हो जाय। मुख्यमंत्री ने कोविड में खत्म हुए 122 पत्रकारों के परिवार को सहायता दी थी। उन्होंने पत्रकारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव चल रहा है इसलिए ज्यादा नहीं बोल सकता हूं। लेकिन पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी मजदूर है जहाँ भी काम कर रहा उसकी इज्जत करे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का विकसित भारत का सपना पूरा होगा। अवनीश अवस्थी ने मंच से वहां मौजूद सभी लोगों से मतदान करने की भी अपील की। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने सभी पत्रकारों को मजदूर दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की इतनी कम सैलरी पर 24 घंटे काम करना बहुत बड़ी बात है। रात में घटना हो या दिन में बारिश में ठंड में गर्मी में लगातार काम करते है। श्रमिक के काम का एक समय होता हैं लेकिन पत्रकार के काम करने का घंटा तय नहीं रहता। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पत्रकारों के हितों के लिए मजबूती से पैरवी करेंगे। कार्यक्रम में यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकार और पत्रकारिता दोनों संक्रमण काल के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार पत्रकारों के हितों का संरक्षण करने के उपाय करें। अखबार चलाने वाले मालिकान अब संविदा के तहत पत्रकारों को नौकरी में रखते हैं। इसलिए नौकरी खत्म होने का संकट हमेशा बना रहता है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने कहा कि पत्रकारों को बिना किसी दबाव के कार्य का माहौल बरकरार रखा जाए। पत्रकारों के उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए सरकार इसके समाधान की व्यवस्था करे। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में मांग की गयी है कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल समेत लगभग एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। यूपी सरकार भी पत्रकारों के लिए शीघ्र ही पेंशन योजना का ऐलान करे। ज्ञापन में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल का उल्लेख किया गया है जिसमें पत्रकारों के लिए 20 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का निर्णय लिया गया था। ज्ञापन में न्यूज़ आधारित यूट्यूब चौनलों के लिए भी नियमावली बनाकर उन्हें प्रेस मान्यता देने तथा रेल किराए में 50 प्रतिशत की छूट बहाल करने और प्रेस काउंसिल के स्थान पर मीडिया काउंसिल गठित करने की केंद्र सरकार को संस्तुत करने की मांग भी की गयी है। दिवंगत पत्रकारों के परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए स्थायी व्यवस्था करने और राजमार्गों पर राज्य मुख्यालय में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ-साथ राज्य एवं जिला स्तरीय संवाददाताओं के प्रेस वाहनों को टोल टैक्स से छूट देने की मांग भी ज्ञापन में की गयी है। इसके अलावा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापनों का एक निश्चित कोटा निर्धारित करने की मांग भी मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में की गई है।
इस अवसर पर सुरेश बहादुर सिंह, लखनऊ मंडल इकाई के अध्यक्ष शिवशरण सिंह, प्रदेश महामंत्री पीके तिवारी, मनोज मिश्रा, मुकुल मिश्रा, नितिन श्रीवास्तव, आदर्श प्रकाश सिंह, देवराज सिंह, नवलकांत सिन्हा, दीपक गिडवानी, राकेश पांडे, आदित्य सिंह, राजेश शुक्ला, प्रद्युम्न तिवारी, अर्चना गुप्ता, जुबेर अहमद, रजा रिज़वी, अब्दुल वाहिद, कुटुबु ल्ला, तारिक फारुकी, भरत सिंह नेगी, अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।