कोरोना टीके की आशंकाओं के बीच कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने दिलाया भरोसा (सांकेतिक)
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एस्ट्राजेनेका और कोविशील्ड जैसी कोरोना वैक्सीन के कथित साइड इफेक्ट जुड़ी खबरों के बीच हैदराबाद की टीका डेवलप करने वाली एक अन्य कंपनी भारत बायोटेक ने बयान जारी किया। कोवैक्सीन डेवलप करने वाली कंपनी भारत बायोटेक कहा कि उनके लिए नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। भारत बायोटेक ने कहा कि टीके से जुड़ी सभी आशंकाओं को खत्म करने और वैक्सीन के सुरक्षित इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।
टीका कितना प्रभावी? इससे पहले वैक्सीन कितना सुरक्षित यह जानना भी जरूरी
भारत बायोटेक के मुताबिक टीके के दुष्प्रभावों की खबरों के बीच टीका विकसित करते समय उनका एकमात्र फोकस सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना रहा। कोवैक्सीन भारत सरकार की इकाई आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित की गई एकमात्र वैक्सीन है। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि टीके के प्रभावी होने को लेकर भी परीक्षण किए गए। हालांकि, टीका कितना प्रभावी है, इसके बारे में सोचने से पहले हमने सुरक्षा का पहलू सबसे ऊपर रखा।
कोवैक्सीन कितना सुरक्षित? गहन परीक्षण के बाद हुआ अंतिम फैसला
गौरतलब है कि भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीकों का ही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा, कोवैक्सीन का मूल्यांकन उसकी लाइसेंस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 27,000 से अधिक विषयों में किया गया। इसे क्लिनिकल ट्रायल मोड में प्रतिबंधित उपयोग (restricted use) के तहत लाइसेंस दिया गया था। लाखों विषयों के लिए विस्तृत सुरक्षा रिपोर्टिंग की गई थी। यही नहीं कोवैक्सीन की सुरक्षा का मूल्यांकन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी किया था। कोवैक्सीन की निरंतर सुरक्षा निगरानी (फार्माकोविजिलेंस) भी की गई। तमाम पैमानों पर आकलन के बाद कोवैक्सीन का सुरक्षा रिकॉर्ड उत्कृष्ट पाया गया। इस टीके के इस्तेमाल के बाद रक्त के थक्के, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया, टीटीएस , वीआईटीटी, पेरीकार्डिटिस, मायोकार्डिटिस जैसी कोई भी टीका-संबंधी घटना नहीं हुई है।