बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाते हैं. बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान भी होता है. इस दिन का महत्व हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए बहुत ही बड़ा है. इस साल की बुद्ध पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग तो बन रहे हैं लेकिन उस दिन स्वर्ग की भद्रा भी है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा किस दिन है? बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा का मुहूर्त और महत्व क्या है?
कब है बुद्ध पूर्णिमा 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 22 मई बुधवार को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और यह तिथि 23 मई गुरुवार के दिन शाम को 07 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर वैशाख पूर्णिमा 23 मई को है, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व 23 मई को मनाया जाएगा.
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बुद्ध पूर्णिमा पर 3 शुभ योग और भद्रा
बुद्ध पूर्णिमा के दिन परिघ योग, शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. उस दिन भद्रा 05:26 एएम से 07:09 एएम तक है, लेकिन इसका वास स्वर्ग में है, इसलिए कोई दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होगा.
बुद्ध पूर्णिमा पर गौतम बुद्ध की 2586वीं जयंती
बैद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा तिथि को लुंबिनी में हुआ था. इस वजह से हर साल वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाते हैं. इस साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की 2586वीं जयंती है. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं.
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बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बौध धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस तिथि का भगवान बुद्ध के जीवन से गहरा जुड़ाव है. इस तिथि पर उनका जन्म हुआ था और वैशाख पूर्णिमा पर ही कुशीनगर उनका देहांत हुआ था. बोधगया में वैशाख पूर्णिमा के दिन उनको ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. यह तिथि भगवान बुद्ध के जीवन, मरण और ज्ञान प्राप्ति से जुड़ी है.
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FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 12:46 IST