सोनभद्र। देश और प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार होने के बावजूद कनहर परियोजना का सवाल हल नहीं हुआ। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से 1200 करोड़ रूपये दो साल से नहीं दिया गया। प्रदेश सरकार ने बजट आवंटन के बावजूद एक पैसा कनहर निर्माण के लिए नहीं दिया। परिणाम स्वरूप कनहर परियोजना का काम ठप हो गया है। सिंचाई के लिए नहरों का निर्माण नहीं हुआ, मूल बांध के भी काम लम्बित हैं और विस्थापितों को मुआवजा भी नहीं मिला। उक्त बातें लोकसभा चुनाव पर कनहर परियोजना से विस्थापितों के साथ संवाद करते हुए सोमवार को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहीं।
उन्होंने कहा कि कनहर विस्थापितों को संविधान में दिए गए गरिमा पूर्ण जीवन जीने के मौलिक अधिकार को भी नहीं दिया गया है। कनहर विस्थापित बस्ती में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। ना तो समुचित शिक्षा-स्वास्थ्य की व्यवस्था है और ना ही सफाई से लेकर नाली, बिजली, शुद्ध पेयजल की सुविधा दी गई है। विस्थापित कॉलोनी में बना हुआ अस्पताल बंद पड़ा हुआ है और वहां इलाज का इंतजाम नहीं है।
उन्होंने कहा कि मूल बांध बनने के बाद कनहर विस्थापित अपने जमीन से बेदखल कर दिए गए, लेकिन आज तक उनमें से हजारों लोगों को मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया। भाजपा और आरएसएस के लोगों ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन वह भी पूरा नही हुआ। कनहर विस्थापित अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कनहर बांध का कार्य पूर्ण न होने से दुध्दी का विकास अवरुद्ध है और किसानों को सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिले के नागरिकों और राजनीतिक दलों ने सम्मेलन करके कनहर विस्थापितों के सवाल को सरकार के संज्ञान में लाया और कनहर बनवाने की मांग भी की, बावजूद इसके सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया। इसलिए दुध्दी के विकास के लिए चिंतित लोगों को पूरी ताकत से इस चुनाव में अपने सवालों को उठाना चाहिए।
संवाद में युवा मंच संयोजक प्रदेश संयोजक राजेश सचान, पूर्व प्रधान व विस्थापित नेता गंभीरा प्रसाद, पूर्व प्रधान शिवप्रसाद खरवार, पूर्व प्रधान इस्लामुद्दीन, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड, शंभू नाथ कौशिक, नागेंद्र पनिका, बहादुर अली आदि शामिल रहे।