Mahalaxmi Yoga: ग्रहों नक्षत्रों की शुभ स्थिति हमारे जीवन पर भी शुभ प्रभाव डालती है. यही वजह है कि समय-समय पर जो शुभ योग बनते है उनके प्रभाव से व्यक्ति के बिगड़े काम बन जाते है, धन लाभ होता है, अधूरी इच्छाएं पूरी होती है.
ज्योतिष शास्त्र में वैसे तो कई शुभ योग हैं लेकिन इसमें महालक्ष्मी योग को बेहद शक्तिशाली और धन दायक माना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में महालक्ष्मी योग बनता है उन्हें धन की कभी कमी नहीं होती, रंक भी राजा बन जाता है, देवी लक्ष्मी सदा उनपर मेहरबान रहती है. जानें महालक्ष्मी योग कब बनता है ? इसका महत्व और लाभ.
महालक्ष्मी योग कब बनता है ?
लग्न कुंडली में जब मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान हो तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है. मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो तब ये अपार धन लाभ देता है. हालांकि अगर कुंडली में ये योग बुरे भावों में बनता है तो व्यक्ति के चरित्र का नाश हो जाता है.
महालक्ष्मी योग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महालक्ष्मी योग अपने नाम स्वरूप फल देता है. व्यक्ति के जीवन को सुख, समृद्धि, और ऐश्वर्य से भर देने वाला होता है. जिन जातकों की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है उन जातकों के जीवन में धन संपदा का आशीर्वाद आजीवन बना रहता है. इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति के भाग्य से अन्य लोगों का कल्याण होता है और व्यक्ति को आजीवन धन, धान्य और खुशहाली मिलती रहती है.
महालक्ष्मी योग के लाभ
- मंगल और चंद्रमा की युति से बना महालक्ष्मी राजयोग धन प्राप्ति की राह आसान कर देता है. कमाई में बेहिसाब बढ़ोत्तरी होती है. धन संचय करने में कामयाब होते हैं.
- जिन लोगों के जन्म के समय महालक्ष्मी योग बनता है वह बेहद भाग्यशाली होते हैं उनको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे जातक खूब धन कमाते हैं और समाज में खूब मान-सम्मान पाते है.
- महालक्ष्मी योग के प्रभाव से करियर के क्षेत्र में भी ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. पारिवारिक जीवन अच्छा रहता है.
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