अलीगढ़ का यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय
– फोटो : संवाद
विस्तार
अलीगढ़ महानगर में संचालित मीट इकाइयों एवं स्लाटर हाउस में पर्यावरणीय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। 9 मई देर रात शहर के चार स्लाटर हाउसों की संयुक्त जांच की गई। जिसमें बड़े पैमाने पर खामियां देखने को मिलीं। इकाइयों के भीतर बदबू को समाप्त करने वाला बायो फिल्टर कई स्थानों पर बंद मिला। पानी डिस्चार्ज करने के लिए लगाए गए ईटीपी प्लांट सही से काम करते नहीं मिले। इनमें से तीन इकाइयों के पानी का नमूना जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है।
प्रशासन, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पशु चिकित्सा विभाग की संयुक्त टीम ने मथुरा बाईपास स्थित स्लाटर हाउसों की जांच -पड़ताल की। संयुक्त जांच में यहां खामियां देखने को मिली हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी इं.राधेश्याम के अनुसार अलदुआ, अलतबारक, एचएमए व फेयर मीट फैक्टरी की जांच की गई है। कई फैक्टरियों में बदबू कम करने के लिए लगाया गया बॉयो फिल्टर गड़बड़ मिला है। कुछ स्थानों पर बॉयो फिल्टर बंद की स्थिति में मिला। ईटीपी प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित होते हुए नहीं मिले। नालों में पानी बिना शोधित किए डिस्चार्ज करने के मामले भी सामने आए हैं।
अदलदुआ, अतबारक, एचएमए से पानी का नमूना टीम ने संकलित किए हैं। पानी के नमूनों को जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी फेयर मीट फैक्टरी के पानी का नमूना जांच को भेजा गया था। पिछले तीन माह से स्लाटर हाउसों में पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं।
पहले चर्बी की दुर्गंध से शहर के लोग परेशान थे और उसके बाद स्लाटर हाउस संचालकों ने चर्बी सीधे नालों में डाल दी। इसको लेकर हाथरस डीएम व आगरा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नालों की जांच कराई थी तो उसमें चर्बी मिली थी। नालों की सफाई कराई गई। आठ स्लाटर हाउस संचालकों ने अलीगढ़ ड्रेन समेत एक अन्य नाले में चर्बी तीन माह पहले डाली थी। पानी बिना शोधित किए प्रवाहित कर नाले गंदे कर दिए थे। जिसके कारण पानी में ऑयल व चर्बी जम गई थी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच कर नोटिस दिया तो नाले साफ करा दिए गए। हालांकि इस मलबे को नाले में कहां डाला गया इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग अब नाले से निकले मलबे के निस्तारण की जांच करेगा। इसमें नोटिस जारी किए जाएंगे। 9 मई शाम को जांच को गए अफसरों को नाले साफ मिले हैं।