अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित इससे संबंधित संस्थानों तथा मलप्पुरम, मुर्शिदाबाद और किशनगंज केंद्रो
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति पैनल प्रक्रिया के मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 11 जुलाई को सुनवाई होगी। एक बार फिर एएमयू समेत दुनियाभर में फैली अलीग बिरादरी की निगाहें अदालत पर टिक गई हैं। पिछली तारीख पर एक जज ने पैनल में शामिल एक उम्मीदवार को जानने की सूरत में खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था।
10 मई 2024 को न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत में प्रतिवादी के अधिवक्ता ने प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का वक्त देने की गुजारिश की है। साथ ही याचिकाकर्ता को एक सप्ताह में री-ज्वाइंडर शपथ पत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है।
अक्तूबर 2023 में कार्यकारी परिषद की बैठक में कुलपति पैनल प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी होने के आरोप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी और एएमयू के प्रो. मुजाहिद बेग ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कुलपति पैनल में प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो. फैजान मुस्तफा और प्रो. नईमा खातून थीं। हालांकि शिक्षा मंत्रालय प्रो. नईमा खातून को कुलपति नियुक्त कर चुका है।