Char Dham Yatra 2024: गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में यात्रा सुचारू व सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो रही है. दोनों धामों में मौसम साफ है और यात्रियों के आवागमन का क्रम निरंतर जारी है. आज सुबह आरती के वक्त सुबह 8 बजे तक गंगोत्री धाम में दो हजार से अधिक और यमुनोत्री धाम में डेढ हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इसी तरह जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री धाम तक लगभग सात हजार यात्री अभी मौजूद हैं. यात्रियो की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन के द्वारा यात्री सुविधाओं को बढाने और मुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों व डंडी-कंडी की आवाजाही और विनियमित करने तथा इनके द्वारा वसूले जाने वाले भाड़े पर नजर रखने के लिए भी प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं ताकि धाम में आने वाले यात्रियों से अवैध वसूली ना हो सके.
कहां कितने वाहनों को रखा गया होल्ड
जानकारी के अनुसार 8 बजे तक गंगोत्री मार्ग पर उत्तरकाशी में 40, हीना व नेताला में 10, हर्षिल में 6 और गंगोत्री में 350 वाहनों को होल्ड पर रखा गया है. जबकि नगुण से 35, उत्तरकाशी से 35 हीना व नेताला से 80, गंगनानी से 150 वाहनों को गंगोत्री धाम की तरफ रवाना करवाया जा चुका है. यमुनोत्री रूट पर पालीगाड में 19, खरादी में 50 और खरसाली-जानकीचट्टी में लगभग 425 वाहन अभी होल्ड पर हैं. इस मार्ग पर डाामटा से 70, बड़कोट-दोबाटा से 200 से वाहनों को आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान करवाया गया है. इस समय तक जानकीचट्टी-खरसाली से 95 वाहनों को वापसी यात्रा के लिए रवाना करवाया जा चुका है.
यात्रा प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों व पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी मुस्तदी से जुटे है. यात्रियों की बढती भीड़ को देखते हुए यात्रा मार्गों पेयजल, टॉयलेट्स व साफ-सफाई की अतिरिक्त व्यवस्था भी सुनिश्चिमत की जा रही है. इसके साथ ही यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सफाई की नियमित व्यवस्था करने के साथ ही यात्रियों के सहारे व सुविधा के लिए पहाड़ी की तरफ वाले हिस्सों में भी रेलिंग लगाई गई है. वहीं उत्तराखंड के पुलिस महा निदेशक अभिनव कुमार ने केदारनाथ धाम पहुंच कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया है और पुलिस के बंदोबास को भी देखा साथ ही यात्रियों के लिए होल्ड वाली जगह राज्य सरकार की ओर से पानी खाने की व्यवस्थाओं का इंतजाम किया गया हैयाकी यात्रियों को कोई परेशानी ना हो.
ये भी पढ़ें: AMU में मेडिकल कॉलेज की बड़ी उपलब्धि, मिनिमली इनवेसिव तकनीक का प्रयोग कर की बाईपास सर्जरी