Narendra Modi Meditation: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से ठीक पहले ध्यान मुद्रा में लीन हो गए हैं. फिलहाल वह कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे का मौन व्रत पर हैं. इस खबर के बाद न सिर्फ भारत की राजनीति भूचाल आ गया है बल्कि यह मुद्दा पाकिस्तान में भी चर्चा का विषय बन गया. पाकिस्तान के एक यूट्यूबर ने बताया कि वहां पीएम मोदी की ध्यान मुद्रा में जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं और उन्हें लेकर लोग क्या सोचते हैं.
पाकिस्तानी यूट्यूबर शाइला खान ने लोकसभा चुनाव 2024 और पीएम नरेंद्र मोदी के मौन व्रत को लेकर भारतीय अधिवक्ता नाजिया इलाही खान से बात की. शाइला खान ने कहा कि ऐसा लगता है कि जब तक कोई ये नहीं कहेगा की आप ही भारत के प्रधानमंत्री फिर से बन गए हैं तब तक वह ध्यान में ही लगे रहेंगे. भारत का विपक्ष तो मोदी के मौन व्रत को चुनावी स्टंट मान रहा है. वास्तव में नरेंद्र मोदी मौन व्रत रखकर जनता को बताना चाहते हैं कि वह ही असली सनातनी हैं, जिससे आखिरी चरण के मतदान में भी वोट बैंक को बढ़ाया जा सके.
पीएम नरेंद्र मोदी के मौन से विपक्ष को परेशानी
शाइला खान के सवालों का जवाब देते हुए नाजिया इलाही खान ने बताया कि नरेंद्र मोदी जब बोलते हैं तो पूरी दुनिया सुनती है. नरेंद्र मोदी जब मौन हो जाते हैं तो दुनिया उनके मौन की वजह खोजने लगती है. इसी तरह से भारत का विपक्ष भी आवाज लगा रहा है. भारत के विपक्ष को तो पीएम मोदी के बोलने से भी परेशानी है और अब चुप हैं तो इससे भी परेशानी है. नरेंद्र मोदी के लिए ये कोई नई बात नहीं है. वह बीच-बीच में ध्यान लगाते रहते हैं.
“मुसलमानों को बांटना चाहते हैं राहुल गांधी”
नाजिया इलाही खान के अनुसार, भारत में विपक्ष एकदम कमजोर हो गया है. राहुल गांधी भारत की संस्कृति के बारे में कुछ जानते ही नहीं. अब वे भारत के मुसलमानों को एससी/एसटी और ओबीसी के बीच में बांटना चाहते हैं. कांग्रेस हमेशा से जातिवाद की राजनीति करती आई है. अब राहुल गांधी उसको बढ़ाना चाह रहे हैं. पूरे देश की सभी विपक्षी पार्टियां एक तरफ हैं और नरेंद्र मोदी अकेले ललकार रहे हैं.
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